चंडीगढ़ से अनिल कुमार की रिपोर्ट – पूर्व मुख्यमंत्री एवं विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भाजपा–जजपा गठबंधन सरकार को जहां पोर्टल की सरकार बताया वहीं उन्होंने सरकार की नीतियों पर भी सवाल उठाये। उन्होंने आरोप लगाया कि पोर्टल चलते तक नहीं हैं और सरकार को ही नहीं पता कितने पोर्टल बने हुए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पीपीपी का नाम लेकर प्रदेश में करीब पांच लाख लोगों की पेंशन काट दी गई है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरा पूर्व मुख्यमंत्री एवं विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि गरीबों को जबरदस्ती तिरंगे बेचना गलत है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में डिपो होल्डर को तिरंगा बेचने के लिए कहना गलत है। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने शेरो–शायरी के जरिए सरकार को निशाने पर लिया और कहा है कि ‘तरस आता है मेरे हाकिम की फ़कीरी पर, जो गरीबों से उनके पसीने की कमाई मांगे‘।
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उन्होंने आरोप लगाया कि आज प्रदेश में भ्रष्टाचार चरम पर है और लोग त्रस्त हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के अपने ही विधायक विधानसभा सत्र में सवाल उठा रहे थे। हुड्डा ने आरोप लगाया कि सरकारी स्कूलों में सुविधाओं की कमी है। उन्होंने कहा कि टीचर्स के 38 हजार पद खाली पड़े हैं और सरकार अध्यापकों की भर्ती नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि इसी तरह अस्पताल में डॉक्टर नहीं हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि बेरोजगारी में CMIE की रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा टॉप पर है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेशभर में जलभराव बड़ी समस्या और निकासी का कोई प्रबंध नही है। उन्होंने बताया कि मॉनसून सत्र में विपक्ष ही नहीं सत्तापक्ष के विधायकों ने भी सड़कों की खस्ता हालात का मुद्दा उठाया। इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार सिलेबस की किताबों में इतिहास के साथ छेड़छाड़ कर रही है।