अजय पाल – हाल ही में गूगल ने अपना आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस बेस्ड गूगल चैटबॉट बार्ड लॉन्च किया। इसमें कोई दो राय नहीं है किगूगल से जो जानकारी हम सब सर्च करते है। वो जानकारी गूगल हमें दे देता है। आपको बता दें कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस बेस्ड गूगल चैटबॉट वार्ड के एक गलत जवाब देने के कारण गूगल को 120 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ। हाल में इसी हफ्ते गूगल ने अपना नया चैटबॉट बार्ड लॉन्च किया था। यह भी बताया जा रहा कि गूगल ने इसका एक प्रमोशनल वीडियो भी लॉन्च किया था।
जानते है कि आखिर वो कौन सा सवाल था। जिसका गलत जवाब देने के कारण गूगल को हुआ भारी नुकसान। पर उस सवाल का सही जवाब क्या है। किसने सर्च इंजन गूगल की इस गलती को पकड़ा। आइए जानते हैं आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस बेस्ड गूगल चैटबॉट वार्ड के एक गलत जवाब देने का कारण गूगल को 120 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ। बुधवार को गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट अपने निचले स्तर पर पहुंच गई। ऐसा बताया जा रहा है कि मंगलवार को अल्फाबेट के एक शेयर का दाम 106.77 डॉलर था। जो बुधवार को घटकर 98.08 डॉलर पर पहुंच गया।
जानिए क्या है सवाल
इसमें आई चैटबॉट बार्ड से यह सवाल पूछा गया कि 9 साल की उम्र के बच्चों को जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप की खोज के बारे में क्या जानकारी दी जानी चाहिेए। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस बेस्ड चैटबॉट ने तीन बिंदुओं में यह जवाब दिया।
- 2023 में JWST ने अनेक आकाशगंगाओं को चिन्हित किया और उन्हें ‘ग्रीनपीस’ नाम दिया गया । ये नाम इसलिए दिया गया क्योंकि, वो आकाशगंगा काफी छोटे व गोलाकार और हरे रंग के थे। बिल्कुल मटर के समान बताया गया।
- टेलीस्कोप ने 13 बिलियन पुराने गैलेक्सी की तस्वीर खींची थी।
- जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप का इस्तेमाल मिल्की वे के बाहर के ग्रह की पहली तस्वीर लेने में किया गया था।
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चैट बोर्ड द्वारा दिए गए तीसरे जवाब को रॉयटर्स ने गलत पाया। अब आप जान लीजिए इस सवाल का सही जवाब क्या था। रॉयटर्स ने नासा का रेफरेंस देते हुए कहा कि साल 2004 में यूरोपियन एडवांस टेलिस्कोप में अंतरिक्ष के एक्सोप्लैनेट सदर ऑब्जर्वेटरी के सोलर सिस्टम के बाहर के ग्रहों की तस्वीर ली थी जिसे 2M1207b कहा गया था। और यह बृहस्पति ग्रह से लगभग पांच गुना ज्यादा बड़ा है।