Women Reservation Bill: लोकसभा में पेश हुआ महिला आरक्षण बिल

Women Reservation Bill:कैबिनेट की बैठक में सोमवार को महिला आरक्षण विधेयक को मंजूरी मिल गई है। बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। कई राजनीतिक दल संसद के विशेष सत्र में इस बिल को पारित करने की जोरदार वकालत कर रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को संसद के विशेष सत्र में बिल पास होने की उम्मीद है।मल्लिकार्जुन खड़गे, अध्यक्ष, कांग्रेस:हम बहुत दिन से ये कोशिश कर रहे हैं और सभी की ये इच्छा है कि महिला रिजर्वेशन का बिल आना चाहिए और महिलाओं को देना चाहिए जो ड्यू है। आज तक हमने सब कोशिश की, लेकिन अब मैं समझता हूं कि जब आप ये मुद्दा उठाएंगे तो जरूर आपकी बात को मान्यता वो दे देंगे।

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एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने भी कहा कि सरकार इस विधेयक को संसद में पेश करती है तो विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के नेता खुले दिल से इसका समर्थन करेंगे। भारत की 50 फीसदी आबादी महिलाओं की है। तो हम सब नए भवन में विचार-विमर्श क्यों न करें और शायद पहला निर्णय जो माननीय प्रधानमंत्री ले सकते हैं, वो यही हो संसद में महिलाओं के आरक्षण के लिए विधेयक लाएं और यदि वो आरक्षण के लिए बिल लाते हैं तो हम सभी उनका समर्थन करेंगे। संसद और विधानसभा में महिलाओं की संख्या हम सभी इसका तहे दिल से समर्थन करेंगे।

महिला आरक्षण विधेयक पास करने की मांग को लेकर बीआरएस सांसदों ने सोमवार को संसद में विरोध प्रदर्शन किया था। के. कविता, एमएलसी बीआरएस मुझे उम्मीद है, उंगलियां खत्म हो गई हैं और मैं जो मानती हूं कि बीआरएस के दबाव के कारण, माननीय सीएम केसीआर की तरफ से प्रधानमंत्री को पत्र लिखने के कारण, सीडब्ल्यूसी जो यहां हो रही थी, कांग्रेस को सीडब्ल्यूसी में एक प्रस्ताव लाने के लिए मजबूर होना पड़ा। उनके 2019 के चुनावी घोषणापत्र में महिला आरक्षण बिल था ही नहीं। इसलिए वो महिला आरक्षण के मुद्दे को वास्तव में भूल गए थे और बीआरएस के दबाव के कारण और माननीय सीएम केसीआर के दबाव के कारण, उन्हें कल प्रस्ताव लाने के लिए मजबूर होना पड़ा और मुझे उम्मीद है कि हर पार्टी में दबाव बनेगा। अभी महिला आरक्षण की संभावना उज्ज्वल है और मुझे उम्मीद है कि ये आगे बढ़ेगा।

तृणमूल कांग्रेस ने भी सरकार से विधेयक लाने और नए संसद भवन में सत्र को सकारात्मक तरीके से शुरू करने का आग्रह किया। सुदीप बंदोपाध्याय, सांसद, टीएमसीःअगली (बैठक) नए संसद भवन में है। इस महिला आरक्षण विधेयक को बिना किसी देरी के पेश किया जाए और पारित किया जाए। उस सकारात्मक दिशा में पहल की जाए, जिससे ये संसद बहुत ही सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ अपनी यात्रा शुरू कर सके।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशेष सत्र के पहले दिन कहा कि अब तक करीब 600 महिलाएं संसद के दोनों सदनों की शोभा अपनी मौजूदगी से बढ़ा चुकी हैं।इस मुद्दे पर अंतिम बार साल 2010 में ठोस पहल हुई थी, जब राज्यसभा ने हंगामे के बीच विधेयक को पारित कर दिया था। उस समय मार्शलों ने हंगामा कर रहे कुछ सांसदों को बाहर कर दिया था, जिन्होंने लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने का विरोध किया था।फिलहाल कैबिनेट से बिल को मंजूरी मिलने के बाद महिला आरक्षण विधेयक को सदन में रखने का रास्ता साफ हो गया है।

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