जोशीमठ आपदा: उत्तराखंड सरकार ने हाईकोर्ट को बताया बड़ी संख्या में लोगो को सुरक्षित विस्थापित किया गया

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अवैस खान – जोशीमठ आपदा मामले में उत्तराखंड सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि केंद्र और राज्य सरकार स्तिथि पर नज़र बनाये हुए है। उत्तराखंड सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि उसने जोशीमठ में पुनर्वास प्रयासों को देखने के लिए दो समितियों का गठन किया है। उत्तराखंड के उप महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि सरकार ने पहले ही NDRF और SDRF को तैनात कर दिया है और कई लोगों को वहां से हटा दिया गया है. उन्होंने कहा कि पुनर्वास पैकेज भी तैयार किया जा रहा है। दिल्ली हाईकोर्ट में उत्तराखंड के जोशीमठ आपदा को लेकर हाईकोर्ट के रिटायर जज की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय कमेटी बनाने की मांग की गई है।
जोशीमठ मामले में उत्तराखंड के पौड़ी के निवासी और दिल्ली में वकील रोहित डंडरियाल ने याचिका दाखिल किया है। याचिका में जोशीमठ में पुनर्वास प्रयासों को लेकर हाईकोर्ट के रिटायर जज की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय कमेटी बनाने की मांग की गई। जोशीमठ आपदा की जांच और पुनर्वास को लेकर कमेटी में संबंधित मंत्रालय के अधिकारियों को शामिल करने की बात कही। जोशीमठ में लगातार होने वाली कंस्ट्रक्शन की गतिविधि वहां रहने वाले लोगो के मौलिक अधिकार का हनन है। याचिका में कहा कि जोशीमठ आपदा की वजह से 500 से ज़्यादा परिवार की जीविका पर बन आई है, इतनी ठंड में अपने जीवन को जोखिम में डाल कर वहां रह रहे है।

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दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जे सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ को सूचित किया गया कि इसी तरह की एक जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है और 16 जनवरी को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है। दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले पर सुनवाई के लिए मामले की आगे की सुनवाई फरवरी में सुनवाई के लिए लगा दिया। याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि अगर मामले में सुप्रीम कोर्ट उचित आदेश देता है तो वह हाईकोर्ट से अपनी याचिका को अगली सुनवाई में वापस ले लेंगे।

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