Meghalaya Politics: मेघालय की पहचान भारत में एक ऐसे राज्य के रुप में की जाती है।जहां महिलाओं का दबदबा पुरुषों के मुकाबले ज्यादा है। मेघालय राज्य में खासी, गारो और जैंतिया जनजातियों में महिलाओं के हाथों में सत्ता की कमान रहती है।हालांकि कई महिलाओं का मानना है कि मेघालय की राजनीति में महिलाओं की भागीदारी न के बराबर है। उन्हें राजनीति में ज्यादा अहमियत नहीं दी जाती है।
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लोकसभा चुनाव 2024 में मेघालय के मौजूदा मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा की अगुवाई वाली नेशनल पीपुल्स पार्टी ने शिलांग से अंपरीन लिंगदोह को मैदान में उतारा है। वहीं पार्टी ने तुरा से मौजूदा सांसद अगाथा संगमा को उम्मीदवार बनाया है।मेघालय की दो लोकसभा सीटों पर हो रहे चुनाव में अंपरीन और अगाथा के अलावा कोई और महिला उम्मीदवार मैदान में नहीं हैं।कुछ लोगों का मानना है कि आम महिलाओं को भी चुनाव लड़ने का मौका दिया जाना चाहिए।मेघालय की दोनों सीटों पर 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 19 अप्रैल को वोटिंग होनी है।
महिलाओं को सपोर्ट मिलना चाहिए…
हम लोग अक्सर चुनाव में महिलाओं की भागीदारी की बात करते है। उनको आगे सपोर्ट मिलना चाहिए, जो विधानसभा का जो ये टिकट होता है न, वो मतलब जो बड़ा रिप्रेजेंटेशन होता है न उसका पैसा हम जैसे गरीब औरतों के लिए लोकसभा के लिए हम लोगों को मिलना चाहिए। जो मतलब बड़े लोग होेते हैं उनको ये टिकट नहीं मिलना चाहिए, क्योंकि हम लोगों को ये टिकट मिलना चाहिए। जो हम लोगों का औरत, जो गर्ल्स का जितना वो है, उन लोगों को ये टिकट मिलना चाहिए।
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मेघालय के स्थानीय निवासियों ने कहीं ये बात…
जैसा कि हम जानते हैं मेघालय महिला आधारित समाज है। जैसा कि हमने देखा है कि यहां कई महिलाएं या तो अकेली हैं या विधवा हैं। हम बतौर महिला, मैं खुद सिंगल हूं और मैं महिलाओं की ताकत को समझती हूं। इसलिए मुझे लगता है कि हमें सत्ता में अधिक महिलाओं को शामिल करना चाहिए, चाहे वो विधानसभा हो या किसी भी तरह का राजनैतिक करियर हो। हमें इस क्षेत्र में और अधिक महिलाओं की जरूरत है।”