खतरनाक पौधा जिसमें सांप जिताना जहर, जिसे छूने मात्र से होने लगती खुदकुशी की इच्छा !

Yoga to treat depression, खतरनाक पौधा जिसमें सांप जिताना जहर, जिसे छूने ......

 अमन पांडेय: आपने बहुत सारे पौधों की खूबियों के बारे में सुना होगा लेकिन आपने कभी इस खतरनाक पौधे के बारे में नहीं सुना होगा ऑस्ट्रेलियाई मूल के इस पौधे से गलती से भी किसी का शरीर छू जाए तो पौधे के रोएं पौधे के भीतर धंस जाएंगे और फिर शुरु हो जाएगा दर्द का खौफनाक दौर कि इंसान खुदकुशी करने तक की सोचने लगे। यही वजह है कि इसे सुसाइड प्लांट भी कहते हैं। साइंटिस्ट मरिना हर्ले कुछ साल पहले ऑस्ट्रेलिया वर्षोवनों पर शोध कर रही थी। वैज्ञानिक होने के नाते वे जानती थीं कि जंगलों में कई खतरे होते है यहां तक की पेड़ पौधे भी जहरीले हो सकते हैं। इससे बचने के लिए उन्होंने में वेल्डिंग ग्लव्स और बॉडी सूट पहना हुआ था। अलग लगने वाले तमाम पेड़ पौधों के बीच वे एक नए पौधे के संपर्क में आईं । वेल्डिंग ग्लव्स पहने हुए ही उन्होंने उसकी स्टडी करनी चाही,लेकिन ये कोशिश भारी पड़ गई।

एसिड और बिजली का झटका लगने जैसी तकलीफ
हर्ले दर्द से बेहाल अस्पताल पहुंची तो उनका सारा शरीर लाल पड़ चुका था। वे जलन से चीख रही थीं. ये जिम्पई-जिम्पई का असर था, जिसे ठीक करने के लिए उन्हें काफी समय तक अस्पताल में रहना पड़ा बाद में डिस्कवरी को दिेए इंटरव्यू में साइंटिस्ट ने बताया ये दर्द वैसा ही था, जैसे किसी को बिजली का झटका देते हुए ऊपर से एसिड उड़ेल दिया जाए।
जानें, पौधे के बारे में सबकुछ इसका बायोलॉजिकल नाम है, डेंड्रोक्नाइड मोरोइड्स, जो ऑस्ट्रेलिया के उत्तर-पूर्वी रेनफॉरेस्ट में मिलता है। जिम्पई-जिम्पई इसका कॉमन नेम है, लेकिन इसे कई और नामों से भी जाना जाता है, जैसे सुसाइड प्लांट, जिम्पई स्टिंगर, स्टिंगिंग ब्रश और मूनलाइटर। ऑस्ट्रेलिया के अलावा ये मोलक्कस और इंडोनेशिया में भी मिलता है। दिखने में ये बिल्कुल सामान्य पौधे जैसा है, जिसकी पत्तियां हार्ट के आकार की होती हैं और पौधे की ऊंचाई 3 से 15 फीट तक हो सकती है।

क्यों है इतना जहरीला?
रोएं की तरह बारीक लगने वाले कांटों से भरे इस पौधे में न्यूरोटॉक्सिन जहर होता है, जो कांटों के जरिए शरीर के भीतर पहुंच जाता है. यहां समझ लें कि न्यूरोटॉक्सिन वही जहर है, जो सीधे सेंट्रल नर्वस सिस्टम पर असर डालता है। इससे मौत भी हो सकती है। कांटा लगने के लगभग आधे घंटे बाद दर्द की तीव्रता बढ़ने लगती है जो लगातार बढ़ती ही जाती है अगर जल्दी इलाज न मिले।

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मुश्किल से मिलता है छुटकारा
कांटा चुभने के बाद निकाल देने पर आमतौर पर दर्द खत्म हो जाता है, लेकिन इस पौधे का मामला जरा पेंचीदा है. इसके कांटे इतने बारीक होते हैं कि शरीर में धंसने के बाद दिखाई ही नहीं देते. निकालने के दौरान अगर ये टूटकर स्किन में ही रह जाएं तब मामला और बिगड़ जाता है. कई इंटरनेशनल मीडिया रिपोर्ट्स और डॉक्युमेंट्री में जिक्र है कि इस पौधे के जहर को केमिकल वेपन की तरह काम लाने के लिए ब्रिटेन की लैब पोर्टान डाउन ने भी ऑस्ट्रेलियाई सरकार और यूनिवर्सिटी ऑफ क्वींसलैंड से संपर्क किया था।

क्या इस पौधे को जड़ से खत्म किया जा सकता है?
किसी भी पौधे को पूरी तरह से खत्म करना न तो मुमकिन है, और न ही इकोलॉजिकल सिस्टम  के लिए अच्छा ही है।बेहद जहरीले जिम्पई -जिम्पई के साथ भी एक अच्छी बात है कि कई कीड़े और पक्षी इसके फल खाते हैं और बिल्कुल ठीक रहते है।

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