अयोध्या के राम मंदिर में 22 जनवरी को होने वाले श्रीराम लला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले भक्त भगवान के प्रति अपनी आस्था दिखाने के लिए अलग-अलग तरीके तलाश रहे हैं।ऐसे ही एक भक्त हैं लखनऊ के सब्जी विक्रेता अनिल कुमार साहू, जिन्होंने एक अनोखी घड़ी बनाई है जो एक साथ नौ अलग-अलग टाइम-जोन्स दिखाती है।उन्होंने ये घड़ी राम मंदिर ट्रस्ट, रेलवे अधिकारियों और शहर के हनुमान गढ़ी मंदिर को उपहार में दी है।
साहू कहते हैं कि वो देश के लिए कुछ अलग करना चाहते थे, इसी विचार से उन्हें ये घड़ी बनाने की प्रेरणा मिली।इस घड़ी की एक खासियत ये भी है कि ये केवल एक सुई का उपयोग करके समय बताने की अवधारणा पर काम करती है।इस घड़ी के लिए भारत सरकार की तरफ से पेटेंट जारी किया गया है। साहू ने प्रधानमंत्री से अपील की है कि वो उनकी रचना को अंतरराष्ट्रीय पेटेंट दिलाने में भी मदद करें।
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अनिल कुमार साहू, सब्जी विक्रेता और अनोखी घड़ी बनाने वाले:तीसरी सबसे बड़ी घड़ी लेकर के मैं कल राम मंदिर में गया, जहां मेरी कुछ पत्रकार लोगों ने चंपक राय, ट्रस्ट के जो अध्यक्ष हैं। हां चंपत राय, जो ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं। उनको गिफ्ट किया मैंने कि इसको भगवान राम मंदिर में कहीं लगाई जाए और दुनिया भर से जो लोग राम मंदिर को देखने आएंगे, देश-विदेश से और बहुत दूर-दूर से लोग आएंगे, तो वो यहां आकर देखें कि जैसे कि विश्व का सबसे बड़ा मंदिर राम मंदिर हमारा बन रहा है। विश्व की सबसे मूर्ति हमारे यहां हैं। विश्व का सबसे बड़ा पुल हमारे यहां हैं। ऐसी बहुत सी धरोहरें हैं, बहुत सी ऐसी चीजें हैं जो विश्व में सबसे अलग है और सबसे बड़ी है। इसी तरह मेरी घड़ी भी विश्व में अपनी तरह की सबसे अलग घड़ी है।”
यहां सब्जी बेचते हुए भी मेरे दिमाग में ये सब चीजें रहीं कि मुझे कुछ करना है और करते-करते, सोचते-सोचते, रात-दिन लगे रहते-रहते किसी तरह ये मेरे दिमाग में भगवान खाटू दास जी की कृपा से ये मेरे दिमाग में आया कि एक घड़ी ऐसी बनाई जाए जिसमें हम कई देशों का समय दिखा दें तो ये दुनिया से अलग हो जाएगी और भारत के लिए एक अलग नई चीज हो जाएगी।”
“इस घड़ी में सबसे विशेषता ये है कि इसमें सुई एक है। जो कि उसी एक सुई से आप मिनट और घंटा दोनों बताती है। इसमें मिनट की सुई नहीं है। घंटा की सुई ही मिनट भी बताती हुई चलती है और वो भी बताती है। इस घड़ी को हम एयरपोर्ट पर लगा सकते हैं। इस घड़ी को हम बड़े-बड़े होटलों में लगा सकते हैं। इस घड़ी को हम इंडिया के जितने पर्यटन स्थल हैं, जहां विदेशी लोग आते हैं दुनिया भर के लोग आते हैं, वहां लगा सकते हैं और दुनिया को दिखाया जा सकता है कि हम दुनिया से अलग तरह की एक घड़ी बनाए हैं।”