1984 सिख दंगे: कांग्रेस के पूर्व नेता सज्जन कुमार को दिल्ली की कोर्ट ने एक मामले में बरी किया

अवैस उस्मानी)-1984 में दिल्ली के सुलतानपुरी में सिख दंगा मामले कांग्रेस के पूर्व नेता सज्जन कुमार को बड़ी राहत मिली। राउज़ एवेन्यु कोर्ट ने सज्जन कुमार को सुलतानपुरी सिख हिंसा से जुड़े मामले में बरी कर दिया। सुल्तानपुरी दंगों में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार पर लोगो को सिखों की हत्या के लिए भड़काने का आरोप है। 1984 सिख दंगों के दौरान सुलतानपुरी इलाके में सिख दंगो के दौरान 6 लोगो की हत्या हुई थी।सुल्तानपुरी दंगे में सीबीआई की गवाह चाम कौर ने कहा था कि दंगों में सज्जन कुमार भीड़ को भड़का रहे थे। CBI ने सुलतानपुरी में सिखों की हत्या के मामले में IPC की धारा 109, 147, 148, 149, 153-A, 302, 436, 295, 201 के तहत चार्जशीट दाखिल की थी।

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बता दे मामले में सीबीआई ने सज्जन कुमार ब्रह्मानंद गुप्ता और वेद प्रकाश के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। मामले की सुनवाई के दौरान चामकौर ने 16 नवंबर 2018 को अपने बयान में कहा था कि सज्जन कुमार भीड़ को भड़का रहे थे। इस दंगे के दौरान उसके ससुर बसंत सिंह, पति बलिहार सिंह और देवर बलबीर सिंह की हत्या कर दी गई थी। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया था कि चांद कौर ने 1987 और 1991 में भी अपना बयान दर्ज कराया था।

सुनवाई के दौरान सज्जन कुमार के वकीलों ने क्रॉस एग्जामिनेशन के दौरान चामकौर से कई सवाल पूछे थे और आरोप लगाया था कि 14 नवंबर 1984 को जब पहली बार चामकौर ने पुलिस में अपना बयान दर्ज कराया था तो उसमें कभी भी यह नहीं कहा था कि उसके पिता और बेटी की हत्या हुई थी। सज्जन कुमार के वकील के आरोपों का चामकौर ने खंडन किया था, चामकौर ने कहा था कि उसने पुलिस के सामने अपने बयान में कहा था कि उसके पिता और बेटे की हत्या हुई वह पढ़ी-लिखी नहीं है इसलिए उनको नहीं पता कि पुलिस ने क्या किया। हालांकि जब उन्होंने पुलिस को बताया था कि उसके पिता और बेटे की हत्या हुई है तो पुलिस ने तुरंत कागज पर कुछ लिखा था। बता दें दिल्ली छावनी सिख दंगा मामले में हाईकोर्ट से सजा मिलने के बाद सज्जन कुमार 31 दिसंबर, 2018 से जेल में हैं।

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