मेडिकल ऑक्सीजन की कमी के कारण रविवार को कथूरिया अस्पताल में चार मरीजों की मौत की मौत हो गई, जिसके बाद उपायुक्त यश गर्ग ने घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं।
इस मामले की जांच जितेन्द्र कुमार, सब डिविजनल मजिस्ट्रेट गुरुग्राम द्वारा की जाएगी, ताकि मौतों के पीछे की सही वजह का पता लगाया जा सके।
जिला प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि पर्याप्त ऑक्सीजन के बावजूद, अस्पताल में चार मरीजों की मौत हो गई। इस मामले की जांच गुरुग्राम एसडीएम द्वारा की जाएगी।
रविवार को हुई इस घटना के बाद अस्पताल में भर्ती कुछ मरीजों के परिजनों ने भवन परिसर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि मेडिकल ऑक्सीजन की भारी कमी है।
अस्पताल ने यह भी दावा किया था कि जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के बार बार अनुरोध के बावजूद उसे ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं हुई।
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अस्पताल के निदेशक डॉ ए.के. कथूरिया ने कहा कि रविवार को सुबह 11 बजे कथूरिया अस्पताल में ऑक्सीजन संकट पैदा हो गया और ऑक्सीजन की आपूर्ति में कमी के कारण अस्पताल में भर्ती होने वाले 50 रोगियों की जान जोखिम में थी।
डॉक्टरों और अन्य कर्मचारियों ने मरीजों को संभालने की कोशिश की, लेकिन चार गंभीर मरीज थे। उन्होंने कहा कि अस्पताल में प्रतिदिन 50 मेडिकल ऑक्सीजन सिलेंडर की खपत होती है।
डॉ कथूरिया ने आरोप लगाया कि उन्होंने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से सुबह लगभग 6.00 बजे ऑक्सीजन की मांग की थी, उस समय केवल 10 सिलेंडर बचे थे, लेकिन जिला प्रशासन ने अनुरोध पर ध्यान नहीं दिया।
हालांकि, जिला ड्रग कंट्रोलर अमनदीप चौहान ने अस्पताल द्वारा लगाए गए आरोपों का खंडन किया और कहा कि अस्पताल से ड्रग्स विभाग को ऑक्सीजन की मांग नहीं भेजी गई।
जब हमें ऑक्सीजन की कमी के बारे में सूचना मिली, तो दो सिलेंडर तुरंत अस्पताल भेजे गए।’’। हरियाणा में इस माह के दौरान कोविड मामलों और मौतों में वृद्धि दर्ज की गई है। अस्पतालों में मेडिकल लिक्विड ऑक्सीजन की मांग भी बढ़ गई है।
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