कोरोना के खिलाफ सबसे कारगार हथियार माने जा रहे वैक्सीन को हासिल करने और लोगों तक इसे पहुंचाने की तैयारी अब सरकार ने तेज कर दी है। सरकार ने वैक्सीन की पहचान, खरीद, वितरण और टीकाकरण के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया है, जिसमें सभी संबंधित मंत्रालयों और संस्थाओं के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है। यह कदम सरकार ने ऐसे समय पर उठाया है जब कुछ 6 वैक्सीन या तो फेज तीन में पहुंच चुके हैं या फेज 2-3 के संयुक्त ट्रायल से गुजर रहे हैं। दुनियाभर के देशों में वैक्सीन निर्मताओं से डील को लेकर होड़ मची हुई है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक पता चला है कि पैनल की अगुवाई नीति आयोग के डॉ. वीके पॉल करेंगे तो सह-अध्यक्ष के रूप में स्वास्थ्य सचिव राजीव भूषण उनका साथ देंगे। यह कमिटी भारत के लिए एक या एक से अधिक वैक्सीन की पहचान करेगी, खरीद के लिए प्लान तैयार करेगी, जिसका बिल निश्चत तौर पर अरबों डॉलर में होगा, और टीकाकरण के लिए प्राथमिकता तय करेगी।
कैसे होगी खरीद ?
पैनल के काम की शुरुआत वैक्सीन की पहचान से होगी। अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देश वैक्सीन डिवेलपमेंट में आगे चल रहे देशों से डील कर रहे हैं। इसके बाद यह फैसला लिया जाएगा कि वैक्सीन की खरीद किस तरह की जाए। विदेशी एजेंसियों को शामिल किया जाए या राज्यों को खरीद की छूट दी जाए या केंद्र सरकार की इसकी खरीद करे।
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इस मामले से जुड़े एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि पैनल वैक्सीन अलायंस GAVI और विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ समन्वय करेगा। भारत को GAVI के कोवाक्स प्रोग्राम का लाभ मिलने वाला है और एजेंसी के जरिए 20 फीसदी आबादी के लिए जरूरी टीके दिए जाएंगे। यह समूह खरीद, वितरण और टीकाकरण के लिए फाइनेंशल प्लान और बजट भी तैयार करेगा। अंत में पैनल इनवेंटरी मैनेजमेंट, वितरण और टीकाकरण के लिए रणनीति तैयार करेगा। इनमें से कई मुद्दों पर पिछले महीने चर्चा हो चुकी है।
225 रुपए में मिलेगी वैक्सीन !
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने शुक्रवार (7 अगस्त) को कहा कि उसने भारत तथा अन्य कम व मध्यम आय वाले देशों के लिए कोविड-19 टीके की 10 करोड़ खुराक का उत्पादन करने को लेकर गावि और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के साथ गठजोड़ किया है। सीरम इंस्टीट्यूट ने कहा, ”यह गठजोड़ सीरम इंस्टीट्यूट को विनिर्माण क्षमता बढ़ाने में मदद करने के लिए अग्रिम पूंजी प्रदान करेगा, ताकि एक बार किसी टीका या टीके को नियामकीय मंजूरियों तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन की स्वीकृति मिल जाने के बाद गावि कोवैक्स एएमसी के तहत 2021 की पहली छमाही तक भारत व अन्य कम-मध्यम आय वाले देशों में वितरण के लिए पर्याप्त खुराक का उत्पादन किया जा सके।”
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कंपनी ने बताया कि उसने प्रति खुराक तीन डॉलर यानी करीब 225 रुपए की किफायती दर निर्धारित की है। यह वित्तपोषण एस्ट्राजेनेका और नोवावैक्स के संभावित टीकों के विनिर्माण में भी समर्थन प्रदान करेगा।