श्रीलंका पीपुल्स पार्टी के 74 वर्षीय नेता महिंदा राजपक्षे ने रविवार को चौथी बार देश के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। श्रीलंका की नौवीं संसद के लिए उत्तरी कोलंबो के उप-नगर केलानिया में मौजूद ऐतिहासिक बौद्ध मंदिर ‘राजमहा विहार’ में शपथ ग्रहण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
महिंदा राजपक्षे के छोटे भाई और श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाभाया राजपक्षे ने उन्हें प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई, इसके बाद दोनों भाईयों ने साथ में राजमहा विहार में प्रार्थना की।
इस पूरे कार्यक्रम को श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटभाया राजपक्षे के आधिकारिक फ़ेसबुक पेज से लाइव प्रसारित किया गया, इस अवसर पर पूरा राजपक्षे परिवार राजमहा विहार में मौजूद था।
बीते दो दशक से राजपक्षे परिवार की श्रीलंका की राजनीति पर अच्छी पकड़ रही है, महिंद्रा राजपक्षे ने 2006 से 2015 तक देश के राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया। नवंबर राष्ट्रपति चुनावों में गोतबया की जीत के बाद उन्हें प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया था, हालांकि उनके पक्ष में संसद में बहुमत नहीं था।
महिंदा राजपक्षे चौथी बार श्रीलंका के पीएम बनने जा रहे हैं। 74 साल के नेता को हाल में हुए आम चुनावों में 5 लाख से ज्यादा वैयक्तिक प्राथमिकता वोट मिले।
महिंदा की पार्टी ने 145 सीटों पर और सहयोगी दलों के साथ कुल 150 सीटों पर जीत हासिल की है, जो 225 सदस्यीय संसद में दो-तिहाई है। 68 लाख मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया और मतदान प्रतिशत 59.9 रहा था।
स्थानीय न्यूज एजेंसियों के मुताबिक नया मंत्रिमंडल सोमवार को शपथ ग्रहण करेगा, इसके बाद राज्य एवं उप मंत्री शपथ ग्रहण करेंगे। नव निर्वाचित सरकार ने मंत्रिमंडल में मंत्रियों की संख्या 26 सीमित रखने का निर्णय किया है, हालांकि 19 वें संविधान संशोधन के प्रावधानों के तहत इसे बढ़ा कर 30 किया जा सकता है।
राजपक्षे परिवार का श्रीलंका की राजनीति पर दो दशक से वर्चस्व है। इसमें एसएलपीपी संस्थापक एवं इसके राष्ट्रीय संयोजक बासिल राजपक्षे, जो राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के छोटे भाई और महिंदा से बड़े हैं, भी शामिल हैं। महिंदा 2005 से 2015 के बीच करीब एक दशक तक राष्ट्रपति रह चुके हैं।
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