नई दिल्ली (अनिल सिंह की रिपोर्ट)– कोरोना के चलते मार्च से बंद पड़ी दिल्ली की लाइफ लाइन मेट्रो को फिर से शुरू करने की तैयारी की जा रही है। कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए इस बार कई बदलाव किए जा रहे हैं। एक तरफ दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन टोकन सिस्टम को पूरी तरह से खत्म करने की योजना बना रहा है। तो वहीं सिर्फ 38 फीसदी गेट से ही यात्रियों को प्रवेश और निकास की योजना बनाई जा रही है। 389 किलोमीटर का सफर तय करने वाली मेट्रो में 285 स्टेशन है। सभी स्टेशनों को मिला कर 671 गेट है। मेट्रो कॉपरेशन के मुताबिक सिर्फ 257 ही खुलेंगे। इसके अलावा लिफ्ट में सिर्फ 3 लोग ही जा सकेंगे। प्रवेश और निकास गेट पर सैनिटाइजर की व्यवस्था होगी। यात्रियों के फेस मास्क कर्मचारियों के साथ सभी यात्रियों के जरूरी होगा।
आपको बता दें कि देश में 1 सितंबर से अनलॉक 4 की प्रक्रिया शुरू हो रही है। इस अनलॉक फेज 4 में कयास लगाए जा रहे हैं कि मेट्रो को फिर से शुरू किया जा सकता है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल केंद्र सरकार से मेट्रो को शुरू करने की मांग कर चुके हैं। दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता और नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह विधूड़ी भी मेट्रो जल्द शुरू करने के लिए केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी से मुलाकात कर चुके हैं।
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डीएमआरसी भी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर से मेट्रो शुरू करने की तैयारी का दावा कर चुका है। जिसके अनुसार कार्ड रिचार्ज आदि के लिए सभी लेन-देन कैशलेस मोड के माध्यम से होंगे। स्मार्ट कार्ड और क्यूआर कोड के साथ ही टिकट वेंडिंग मशीन की अनुमति भी होगी।
मेट्रो में क्या होंगे बदलाव ?
- 671 गेट में से 257 गेट खोले जाएंगे
- टोकन सिस्टम को पूरी तरह से खत्म कर पास लागू करने की योजना
- यात्रियों को स्टेशनों में प्रवेश सुनिश्चित करने के लिए आरोग्य सेतु ऐप अपने मोबाइल फोन में इंस्टॉल करना जरूरी होगा
- क्यूआर कोड को लेकर कहा जा रहा है कि दिल्ली मेट्रो में बहुत कम प्रवेश द्वार क्यूआर-कोड स्कैन करने की सुविधा से लैस हैं।
- बड़े इंटरचेंज पर मेट्रो को देर तक रोका जाएगा
- तकरीबन एक फेरे में 15 मिनट का समय ज्यादा लगेगा, जिससे मेट्रो के फेरे में भी कमी आएगी
- लिफ्ट में सिर्फ 3 लोग ही जा सकेंगे
- प्रवेश और निकास गेट पर सैनिटाइजर की व्यवस्था होगी
- यात्रियों के फेस मास्क कर्मचारियों के साथ सभी यात्रियों के जरूरी होगा
- अब 50 यात्री एक कोच में कर पाएंगे सफर
गौरतलब है कि कोरोना काल में हुए लॉकडाउन से पहले तकरीबन 30 लाख लोग प्रतिदिन मेट्रो पर सफर करते थे । वहीं दिल्ली मेट्रो के पास 300 मेट्रो ट्रेनों का सेट है और प्रतिदिन इनके 5000 से ज्यादा फेरे लगते थे। 150 दिनों से मेट्रो का परिचालन फिलहाल बंद है और तकरीबन 10 करोड़ रूपये के राजस्व का रोजाना नुकसान हो रहा है । वहीं अबतक कुल तकरीबन 1500 करोड़ रूपये के राजस्व का कुल नुकसान भी हो चुका है।