के. कविता की जमानत को लेकर CM रेवंत रेड्डी की टिप्पणी पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई आपत्ति

Supreme Court on Telangana CM :

Supreme Court on Telangana CM: सुप्रीम कोर्ट ने कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मामलों में बीआरएस नेता के. कविता को दी गई जमानत के संबंध में तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी के बयान पर गुरुवार को कड़ी आपत्ति जताई।रेड्डी ने कविता की जमानत के लिए बीजेपी और बीआरएस के बीच कथित सौदेबाजी की ओर इशारा किया था।उनके इस बयान पर नाराज़गी जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसे बयानों से लोगों के मन में आशंकाएं पैदा हो सकती हैं।

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मुख्यमंत्री को ऐसा बयान नहीं देना चाहिए- जस्टिस बी. आर. गवई की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने रेड्डी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी से कहा, “क्या आपने अखबार में पढ़ा कि उन्होंने क्या कहा? बस इतना पढ़िए, कि उन्होंने क्या कहा। एक ज़िम्मेदार मुख्यमंत्री का ये कैसा बयान है? इससे लोगों के मन में आशंकाएं पैदा हो सकती हैं। क्या एक मुख्यमंत्री को ऐसा बयान देना चाहिए? संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति इस तरह से बोल रहे हैं?”

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मनीष सिसोदिया को 15 महीने बाद मिली जमानत- बेंच ने कहा, “ राजनैतिक प्रतिद्वंद्विता में उन्हें अदालत को क्यों घसीटना चाहिए? क्या हम राजनैतिक दलों से सलाह-मशविरा करके आदेश पारित करते हैं? हमें राजनैतिक नेताओं या किसी दूसरे के हमारे फैसलों की आलोचना करने से कोई परेशानी नहीं होती। हम अपने विवेक और शपथ के अनुसार अपना कर्तव्य निभाते हैं।”रेड्डी ने मंगलवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहा था कि विधान परिषद सदस्य कविता को पांच महीने में जमानत मिलने पर संदेह है, जबकि मनीष सिसोदिया को 15 महीने बाद जमानत मिली और अरविंद केजरीवाल को अब तक जमानत नहीं मिली है।

BRS ने BJP के लिए किया काम –  उन्होंने आरोप लगाया, “ये सच है कि बीआरएस ने 2024 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी की जीत के लिए काम किया। ऐसी भी चर्चा है कि कविता को बीआरएस और बीजेपी के बीच समझौते के कारण जमानत मिली।”सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संस्थाओं के प्रति परस्पर सम्मान रखना बुनियादी कर्तव्य है और एक दूसरे के काम में दखल नहीं करना चाहिए।

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