Kolkata Doctor Case: तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद जवाहर सरकार ने रविवार को पार्टी की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर कहा कि उन्होंने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने और राजनीति छोड़ने का फैसला किया है।इसको लेकर बीजेपी ने कहा कि सरकार के पत्र ने टीएमसी के अदंर गंदगी, भ्रष्टाचार और तानाशाही रवैये को उजागर कर दिया है।
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तानाशाही रवैये को उजागर करता है- बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, “टीएमसी सांसद जवाहर सरकार का पत्र टीएमसी के अंदर गंदगी, भ्रष्टाचार और तानाशाही रवैये को उजागर करता है। इसके अब दो मतलब हैं, तानाशाही मानसिकता और भ्रष्टाचार। वे अपने इस्तीफे पर कायम हैं और वास्तव में ये दिखाता है कि टीएमसी गले तक भ्रष्टाचार में डूबी हुई है। हर संस्थान भ्रष्ट हो चुका है और जब कोई भी भ्रष्टाचार के मुद्दे उठाता है, तो उसे चुप करा दिया जाता है और परेशान किया जाता है।”
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बंगाल में सियासत तेज- पूनावाला ने कहा कि बनर्जी को लिखे टीएमसी सांसद के पत्र से ये भी पता चलता है कि आरजी कर रेप-मर्डर केस में ममता सरकार की प्राथमिकता बेटी को न्याय दिलाना नहीं बल्कि दोषियों को बचाने की है।उन्होंने कहा, “इस तरह के भ्रष्टाचार के बारे में असहमति जताने या बोलने की कोई जगह नहीं है क्योंकि ये बहुत ऊपर तक जाता है।
बलात्कारियों को बचाना और सबूतों को मिटाना है- वे आरजी कर मामले में किसी भी तरह की सख्त कार्रवाई की कमी के बारे में भी बोलते हैं। हम सभी ने देखा है कि ममता बनर्जी सरकार की पूरी प्राथमिकता बेटी के लिए न्याय नहीं, बल्कि बलात्कारियों को बचाना और सबूतों को मिटाना है। इससे पता चलता है कि कवरअप किया जा रहा था। इस पत्र के बाद ममता बनर्जी के लिए मुख्यमंत्री के रूप में बने रहना असहनीय हो गया है, उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।”