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सेमिनार हॉल में प्रवेश पर प्रतिबंध- सीएम ममता बनर्जी ने राज्य सचिवालय ‘नबन्ना’ में कहा, “”लोग टॉयलेट बनने पर सवाल उठा रहे हैं। पीड़िता को सेमिनार हॉल में रहना पड़ा क्योंकि वहां कोई टॉयलेट नहीं था। हमारा इरादा वॉशरूम के साथ एक टॉयलेट बनाने का था ताकि डॉक्टरों को सेमिनार हॉल में न रुकना पड़े। सेमिनार हॉल में किसी के प्रवेश की इजाजत नहीं दी गई लेकिन फिर भी कहा गया कि सबूतों के साथ छेड़छाड़ की गई।
मेरा कोई दोस्त नहीं है, कोई दुश्मन नहीं है- मैं ऐसा क्यों करूंगी और किसे बचाऊंगा? कोई दोस्त नहीं है, कोई दुश्मन नहीं है। कानून अपना काम करेगा लेकिन मैं कहना चाहती हूं कि कोई मेरा सगा नहीं है और मैं किसी का रिश्तेदार नहीं हूं।जब मैं कुर्सी पर काम करती हूं तो मुझे उसका सम्मान करना आता है, आपने मेरा बहुत अपमान किया है, झूठ और झूठी अफवाहें फैलाकर मुझे बहुत अपमानित किया है, जबकि ऐसा नही है।
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अस्पताल स्वंय करे सुरक्षा – सच्चाई ये है कि मैंने अधिकारियों को सुरक्षा से जुड़ी सभी कमियों को कवर करने का आदेश दिया है। मैंने आदेश दिया है कि वे सुरक्षा की व्यवस्था करें। पुलिस के लिए हर जगह हर तरह की सुरक्षा मुहैया कराना संभव नहीं है। अस्पताल अपने पैसे से सुरक्षा का इंतजाम कर सकता है। उसके लिए रोगी कल्याण समिति है।”
