US President: अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव पर हर देश नजर गढ़ाए बैठा था, इसके पीछे का कारण है कि अर्थव्यवस्था और अन्य अंतर्राष्ट्रीय पहलुओं के नजरिये से अमेरिका की राजनीति बेहद जरूरी है। हर देश जानना चाहता था कि इस बार का अमेरिकी चुनाव क्या वहां के राष्ट्रपति से उनके रिश्ते मजबूत बना पाएगा। 6 नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव का नतीजे आए तो इतिहास ने खुद को फिर से दोहराया। इस बार भी अमेरिका महिला राष्ट्रपति से वंचित रहा। अब सवाल यह पैदा होता है कि आखिर क्यों अमेरिका में अब तक कोई महिला व्हाइट हाउस नहीं पहुंच पाई।
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इससे पहले भी कई महिलाओं ने ठोकी राष्ट्रपति पद के लिए ताल
सबसे पहले साल 1866 में अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए महिलाओं ने ताल ठोकी। बिना किसी सपोर्ट सिस्टम के एलिजाबेथ कैडी स्टैन्टन नाम की महिला ने निर्दलीय राष्ट्रपति चुनाव लड़ने की ठानी थी। उन्हें इस चुनाव में मात्र 24 वोट मिले थे। ये वो समय था नारीवाद जैसे शब्द बने भी नहीं थे। यह तो सिर्फ शुरुआत थी इसके बाद की लिस्ट काफी लंबी है। 1884 में बेल्वा लॉकवुड, 1940 में ग्रेसी एलन, 1952 में मैरी केनेरी, 1968 में शर्लिन मिशेल, 1972 में लिंडा जेनेस, 1976 में मार्गरेट राइट, 1980 में मॉरीन स्मिथ, 1984 में सोनिया जॉनसन, 1988 में लेनोरा फुलानी, 1992 में हेलेन हालयार्ड या फिर 2000 में मोनिका और भी बहुत सी महिलाएं। बिना सपोर्ट सिस्टम के भी महिलाओं ने चुनावी रण में उतरने का फैसला लिया है।
क्यों महिलाओं को राष्ट्रपति बनाने से झिझकता है अमेरिका ?
अमेरिका आज सुपरपावर और ग्लोबल लीडर के नाम से पूरे विश्व में प्रसिद्ध है लेकिन यहां कि महिलाओं को अपने अधिकार पाने के लिए बेहद मेहनत करनी पड़ी थी। अमेरिका में पहला राष्ट्रपति चुनाव साल 1789 में हुआ लेकिन 131 साल बाद 1920 में महिलाओं को इस लायक समझा गया कि वोट कर सके। इससे पहले महिलाएं इस अधिकार से वंचित थी। फेमिनिज्म की क्रांति वैसे तो अमेरिका से शुरू हुई, लेकिन आज भी यहां के लोग महिला के हाथ में देश की सत्ता थमाने से कतराते हैं। इसके पीछे कई सारे कारण हो सकते हैं।
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हाल में होने वाले चुनावों में देखा गया कि कई भारतीय मूल के लोगों ने भी ट्रंप का समर्थन किया। विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिका में अर्थव्यवस्था, महंगाई और विश्व में पावरफुल देश की छवि जो अमेरिकी नेता कायम करता है, देश की जनता उसका समर्थन करती है। यह भी एक कारण हो सकता है कि अमेरिका अभी तक महिला शासन से वंचित है। अब देखना यह होगा कि अमेरिका की पहली महिला राष्ट्रपति का ताज कब और किसके सिर पर रखा जाएगा।
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