Delhi Crime: अपराध करने के बाद हर अपराधी अपने आप को बचाने के लिए हर नाकाम कोशिश करता है। लेकिन कहते हैं न कि सच्चाई कभी छुपाए नहीं छुपती। ऐसा ही कुछ मामला दिल्ली में सामने आया है, जहां डकैती और हत्या करने वाले व्यक्ति ने अपने पूरे परिवार की पहचान बदल दी ताकि पुलिस से बच सके। वह पिछले कई वर्षों से परिवार के साथ झूठी जिंदगी जीता रहा। लेकिन फिर भी वो पुलिस की नजरों से बच न सका। दिल्ली पुलिस ने कई सालों की कड़ी मशक्कत के बाद आरोपी को ढूंढ निकाला है।
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दरअसल, सालों से जिस पर डकैती और हत्या का मुकदमा चल रहा था वो आरोपी जमशेद अली खान पुलिस से बचने के लिए अपनी पहचान बदल दी थी। पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए उसने कानून को चकमा देने की साजिश रची और तांत्रिक बन गया। जमशेद पिछले कई सालों से पार्ट-टाइम तांत्रिक के रूप में अपनी जिंदगी बिता रहा है। इतनी कोशिशों के बावजूद दिल्ली पुलिस ने इस धूर्त तांत्रिक को पकड़ लिया है।
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ये मामला 2009 का है। NH-24 पर एक संदिग्ध शव की तलाश में हड़कंप मच गया। लाश को 28 से 30 वर्ष का संतोष यादव (म्यूर विहार) शिनाख्त हुआ। संतोष दिल्ली के आईसीडी तुगलकाबाद में गुडविल कंपनी में ड्राइवर था। वह एक ट्रक में प्लास्टिक दाना लेकर कहीं जा रहा था। तभी संतोष को जमशेद अली खान ने अपने कुछ सहयोगियों के साथ मार डाला और उसका ट्रक लूट लिया। पुलिस ने तुरंत जमशेद को गिरफ्तार कर लिया। लेकिन 2012 में जमशेद को जमानत मिली, जिसके बाद से वह अपनी पहचान बदल चुका है। जमशेद अपने परिवार के साथ मौके से भाग गया और तांत्रिक बन गया। 12 साल बाद, पुलिस को जमशेद की सूचना मिलते ही उसे गिरफ्तार कर लिया गया और उसके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।