कम उम्र में ही हाई ब्लड प्रेशर का शिकार क्यों हो रहे लोग, डॉक्टर ने बताई इसके पीछे की ये बड़ी वजह ?

देश में हाई ब्लड प्रेशर के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है और सबसे चिंताजनक बात ये है कि कम उम्र के लोगों में भी ये बीमारी घर कर रही है। हाई बीपी को हाइपरटेंशन भी कहा जाता है। ये बीमारी अब 25-40 साल की उम्र के लोगों को अपनी गिरफ्त में ले रही है। ऐसा होने के पीछे क्या वजह है इसका खुलासा दिल्ली AIIMS के मेडिसिन विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डॉ. नीरज निश्चल ने किया गया है।

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आपको बता दें, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) के आंकड़े के मुताबिक 33 फीसदी शहरी और 25 फीसदी ग्रामीण लोग हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी की चपेट में हैं। कई लोगों को तो इस ‘साइलेंट किलर’ बीमारी के लक्षणों का भी पता नहीं है। युवाओं को ये बीमारी अपनी गिरफ्त में क्यों ले रही है और इसके पीछे के क्या कारण हैं ? AIIMS के डॉ. नीरज निश्चल ने इस बीमारी के होने के पीछे कई कारण बताए हैं।

कम उम्र में हाई बीपी की बीमारी होने के निम्न कारण हो सकते हैं:

अनियमित जीवनशैली: आधुनिक जीवनशैली में लोगों की दिनचर्या बहुत ही अनियमित हो गई है, जिससे तनाव, अनिद्रा, और शारीरिक गतिविधि की कमी होती है।

अस्वस्थ आहार: जंक फूड, प्रोसेस्ड फूड, और तले हुए खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन करने से हाई बीपी का खतरा बढ़ सकता है।

शारीरिक गतिविधि की कमी: नियमित शारीरिक गतिविधि न करने से हाई बीपी का खतरा बढ़ सकता है।

तनाव और चिंता: तनाव और चिंता के कारण हाई बीपी का खतरा बढ़ सकता है।

वंशानुगत कारक: यदि परिवार में किसी को हाई बीपी की समस्या है, तो अन्य सदस्यों में भी इसका खतरा बढ़ सकता है।

अन्य स्वास्थ्य समस्याएं: मधुमेह, उच्च कोलेस्ट्रॉल, और गुर्दे की समस्याएं हाई बीपी के खतरे को बढ़ा सकती हैं।

धूम्रपान और शराब का सेवन: धूम्रपान और शराब का सेवन हाई बीपी के खतरे को बढ़ा सकता है।

नींद की कमी: नींद की कमी हाई बीपी के खतरे को बढ़ा सकती है।

वायु प्रदूषण: वायु प्रदूषण हाई बीपी के खतरे को बढ़ा सकता है।

किसी भी व्यक्ति में इन कारणों से कम उम्र में हाई बीपी की बीमारी हो सकती है। इसलिए, स्वस्थ जीवनशैली अपनाना, नियमित शारीरिक गतिविधि करना, और स्वस्थ आहार लेना बहुत जरूरी है।

हाई बीपी के लक्षण-

हाई बीपी के लक्षण अक्सर धीरे-धीरे विकसित होते हैं और कई मामलों में कोई लक्षण समझ ही नहीं आता है। इसीलिए इस बीमारी को ‘साइलेंट किलर’ नाम दिया गया है। मगर इसके जो सामान्य लक्षण दिखाई देते हैं, वो इस प्रकार हैं:

सिरदर्द और घबराहट: हाई बीपी के कारण सिरदर्द और घबराहट हो सकता है।

चक्कर आना: हाई बीपी के कारण चक्कर आना और संतुलन की समस्या हो सकती है।

सीने में दर्द: हाई बीपी के कारण सीने में दर्द और दबाव महसूस हो सकता है।

थकान: हाई बीपी के कारण थकान और कमजोरी महसूस हो सकती है।

नाक से खून आना: हाई बीपी के कारण नाक से खून आना भी हो सकता है।

पैरों में सूजन: हाई बीपी के कारण पैरों में सूजन और दर्द हो सकता है।

सामान्य ब्लड प्रेशर(BP) कितना होना चाहिए ?

चिकित्सीय प्रणाली में ब्लड प्रेशर को निम्नलिखित श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है-

सामान्य ब्लड प्रेशर: 90/60 मिमी एचजी से 120/80 मिमी एचजी तक

हाई ब्लड प्रेशर: 140/90 मिमी एचजी से अधिक

लो ब्लड प्रेशर: 90/60 मिमी एचजी से कम

प्री-हाइपरटेंशन: 120/80 मिमी एचजी से 139/89 मिमी एचजी तक

स्टेज 1 हाइपरटेंशन: 140/90 मिमी एचजी से 159/99 मिमी एचजी तक

स्टेज 2 हाइपरटेंशन: 160/100 मिमी एचजी से अधिक

चिकित्सीय प्रक्रिया में यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ब्लड प्रेशर की श्रेणियां व्यक्ति की उम्र, लिंग, और अन्य स्वास्थ्य कारकों पर निर्भर करती हैं। अगर आपको भी ऐसी कोई समस्या होती है तो चिकित्सक से परामर्श जरूर लें।

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