नई दिल्ली (रिपोर्ट- ललित नारायण कांडपाल): देश में एक ओर जहां स्वास्थ्य मंत्रालय त्योहारों को लेकर विशेष सतर्कता बरतने की बात कर रहा है। वहीं दूसरी ओर बिहार में चल रहे चुनावों से निकलकर आ रही तस्वीरों ने सभी को परेशान कर दिया है। बिहार चुनावों में हो रही राजनीतिक पार्टियों की रैलियों में जिस तरह से सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का इस्तेमाल नहीं हो रहा है उसने सभी की चिंता बढा दी है।
वहीं अब केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय बुधवार को बिहार के लिए एक केन्द्रीय टीम को रवाना कर रहा है। जो बिहार सरकार के साथ चुनावों में सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क को पहनने को लेकर जागरूकता फैलाने को लेकर अपने विशेष अनुभव साझा करेगी। साथ ही नामिनेशन और दूसरे चुनावी कार्यक्रम में किस तरह से सतर्कता बरतनी है इसे लेकर भी राज्य सरकार के साथ काम करेगी।
यही नहीं स्वास्थ्य मंत्रालय ने वैक्सीन को लेकर एक अहम जानकारी साझा की है। मंत्रालय का कहना है कि अगर वैक्सीन आज आती है तो देश में इस वक्त उनके पास लगभग 3 करोड़ लोगों को वैक्सीन देने का इंफ्रारूस्ट्रक्चर मौजूद है। सरकार का मानना है कि देश में इस वक्त 1 करोड़ से ज्यादा डाक्टर और ढाई करोड़ हेल्थ करोड़ वर्कर है। जिन्हें वो वैक्सीन दे सकती है। देश में इस वक्त वो सारा इंप्फ्रास्ट्रक्चर मौजूद हो जिसके लिए इसकी जरूरत होती है।
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वहीं आईसीएमआर ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि वो प्लज्मा थेरेपी कोरोना के इलाज में प्रभावी नहीं है। ऐसे में वो इसे नेशनल क्लीनीकल प्रोटोकॉल से हटाने की तैयारी कर रहा है। ICMR इससे पहले कई बार प्लाज्मा थेरेपी पर सवाल उठा चुका है. हाल ही में उसने कहा था कि कोरोना के इलाज में प्लाज्मा थेरेपी की जगह अब एंटीसेरा को विकल्प के रूप में इस्तेमाल में लाया जा सकता है।
आईसीएमआर ने दावा किया कि उसने कोरोना के इलाज के लिए जानवरों के रक्त सीरम का इस्तेमाल करते हुए हाइली प्योरिफाइड एंटीसेरा विकसित किया है। अब देखना ये होगा कि कोरोना पर त्योहारी सीजन में किस तरह से काबू पाया जाता है।
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