Ayodhya: अयोध्या में राम मंदिर के शिखर पर पीएम मोदी ने फहराई धर्म ध्वजा

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Ayodhya: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में आज एक नया इतिहास रचा गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने श्री राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर विधि-विधान से भगवा ध्वज फहराया। यह ध्वजारोहण, मंदिर निर्माण के पूरा होने और भारत की सांस्कृतिक चेतना के पुनर्जागरण का प्रतीक है। इस अवसर पर उपस्थित विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सदियों के संकल्प की सिद्धि है और 500 वर्षों तक प्रज्वलित रहने वाले एक यज्ञ की पूर्णाहुति है।Ayodhya:

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​पीएम मोदी ने कहा”आज पूरा भारत और पूरा विश्व भगवान श्री राम की भावना से ओतप्रोत है। सदियों पुराने घाव भर रहे हैं, सदियों का दर्द समाप्त हो रहा है और सदियों का संकल्प आज सिद्ध हो रहा है… आज भगवान श्री राम के गर्भगृह की अनंत ऊर्जा, इस धर्म ध्वजा के रूप में, इस दिव्यतम एवं भव्य मंदिर में प्रतिष्ठित हुई है।​पीएम मोदी ने इसे भारत के पुनर्जागरण का प्रतीक बताया पीएम मोदी ने कहा”यह धर्म ध्वजा केवल एक ध्वज नहीं है, बल्कि यह भारतीय सभ्यता के पुनर्जागरण का ध्वज है। इसका केसरिया रंग, इस पर अंकित सूर्यवंश की महिमा, अंकित पवित्र ‘ॐ’ और उत्कीर्ण कोविदार वृक्ष, रामराज्य की महानता के प्रतीक हैं। यह ध्वज संकल्प है, यह ध्वज संघर्ष से सृजन की गाथा है। Ayodhya:

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​पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि यह ध्वज आने वाली सदियों तक भगवान राम के आदर्शों और सिद्धांतों—सत्य, धर्म, कर्म और कर्तव्य—का उद्घोष करेगा। उन्होंने सभी भक्तों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं और मंदिर निर्माण में योगदान देने वाले हर दानदाता, कारीगर और वास्तुकार के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की।पीएम मोदी ने अयोध्या को आदर्श आचरण की भूमि बताया और जोर दिया कि राम मंदिर परिसर भारत के सामूहिक सामर्थ्य की चेतना स्थली बन रहा है। Ayodhya

पीएम मोदी ने कहा कि राम मंदिर परिसर में सात मंदिर निर्मित हैं, जिनमें माता शबरी, निषादराज, माता अहिल्या, महर्षि वाल्मीकि, और अन्य संतों के मंदिर शामिल हैं।पीएम मोदी ने कहा “हमारे राम भेद से नहीं, भाव से जुड़ते हैं। राम के लिए व्यक्ति की भक्ति वंश से अधिक महत्वपूर्ण है। आज हम भी इसी भावना के साथ आगे बढ़ रहे हैं। जब राष्ट्र का प्रत्येक व्यक्ति, प्रत्येक वर्ग और प्रत्येक क्षेत्र सशक्त होगा, तभी 2047 तक विकसित भारत का निर्माण होगा।” Ayodhya:

पीएम मोदी ने विकसित भारत के लिए अपनी विरासत पर गर्व करने और गुलामी की मानसिकता से पूर्ण मुक्ति को अनिवार्य बताया। पीएम मोदी ने आने वाले 10 वर्षों को इस मानसिकता से मुक्त होने के लिए समर्पित करने का आग्रह किया।Ayodhya

पीएम मोदी ने दौरान राजनीतिक विरोधियों पर हमला बोलते हुए कहा कि “190 साल पहले, 1835 में, मैकाले ने भारत को उसकी जड़ों से उखाड़ फेंकने का बीज बोया और मानसिक गुलामी की नींव रखी… सबसे बड़ा दुर्भाग्य यह रहा कि गुलामी की मानसिकता इतनी हावी हो गई कि भगवान राम को भी काल्पनिक घोषित कर दिया गया।पीएम मोदी ने नौसेना के ध्वज से गुलामी के प्रतीकों को हटाकर छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत को स्थापित करने का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि यह मानसिकता में परिवर्तन का क्षण है और अयोध्या में रामत्व का सार स्थापित होना भी इसी परिवर्तन का प्रतीक है।

पीएम ने कहा कि अयोध्या अब विकास का नया मॉडल बन रहा है और परंपरा तथा आधुनिकता का संगम होगा।पीएम मोदी ने कहा कि “21वीं सदी में अयोध्या मानवता को विकास का एक नया मॉडल दे रही है… अयोध्या आध्यात्मिकता और कृत्रिम बुद्धिमत्ता AI के बीच सामंजस्य स्थापित करेगी।​पीएम मोदी ने अंत में कहा कि विकसित भारत के रथ को भगवान राम के आदर्शों से प्रेरणा लेनी होगी, जिसके पहिए वीरता और धैर्य हों, ध्वज सत्य और सदाचार हो, और लगाम क्षमा, करुणा और समता हो।इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे। Ayodhya:

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