Parliament: संसद सत्र के बीच लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी की विशेष यात्रा को लेकर राजनीतिक हंगामा हो गया है।इंडियन ओवरसीज कांग्रेस (IOC) के मुताबिक, राहुल गांधी जर्मनी में भारतीय डायस्पोरा से मिलेंगे, जर्मन मंत्रियों से बातचीत करेंगे और पार्टी को मजबूत करने पर चर्चा होगी। IOC जर्मनी के अध्यक्ष बलविंदर सिंह ने कहा, “यह यात्रा भारत-जर्मनी संबंधों को मजबूत करने का मौका है।” साथ ही, IOC चेयरमैन सैम पित्रोदा भी राहुल गांधी के साथ होंगे। लेकिन बीजेपी का सवाल यह है कि – संसद सेशन के बीच में यह यात्रा क्यों? BJP का कहना है कि राहुल गांधी जिम्मेदारी से भागते है। Parliament:
बीजेपी ने आरोप लगाया कि”एक बार फिर विदेश नायक अपनी आदत पर उतर आए! संसद 19 दिसंबर तक है, लेकिन राहुल गांधी 15-20 दिसंबर को जर्मनी जा रहे हैं। LoP बिहार चुनाव के दौरान भी विदेश में थे, फिर जंगल सफारी पर। यह तो उनकी पुरानी आदत है।BJP ने राहुल गांधी को “लीडर ऑफ पार्टींग एंड पर्यटन” तक कह डाला। यूनियन मिनिस्टर प्रल्हाद जोशी ने कहा, “वे ज्यादातर समय विदेश में रहते हैं। संसद में बोलने का मौका न मिलने की शिकायत करते हैं, लेकिन हकीकत यह है कि वे यहां होते ही नहीं। वे पार्ट-टाइम, नॉन-सीरियस लीडर हैं।” Parliament:
BJP सांसद संजय जायसवाल ने तंज कसा, “कांग्रेस विलुप्ति के दौर से गुजर रही है, ऐसे में राहुल विदेश यात्राओं का मजा क्यों छोड़ें?”अन्य सांसदों ने भी हमला बोला।वहीं, BJP सांसद कंगना रनौत ने आरोप लगाया कि, “इस व्यक्ति में कोई दम नहीं। उनकी पार्टी सिंगल डिजिट पर आ गई, सबको पता है क्यों।”वही विवाद बढ़ा तो राहुल गांधी की बहन और वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी ने BJP पर सीधा निशाना साधा। प्रियंका गांधी ने कहा कि “मोदी जी अपने आधे काम के समय विदेश में बिताते हैं, फिर विपक्ष के नेता की यात्रा पर सवाल क्यों? Parliament:
सामान्य लोग काम के बीच छुट्टियां लेते हैं, लेकिन यह तो ड्यूटी का हिस्सा है। BJP का डबल स्टैंडर्ड क्यो है? कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने भी कहा कि BJP के पास राहुल गांधी के सवालों – जैसे वोट चोरी के आरोपों – का जवाब नहीं है, इसलिए वे यात्रा पर बहस कर रहे हैं।बहरहाल राहुल गांधी की विदेश यात्राओं पर यह विवाद पुराना है। राहुल गांधी की विदेश यात्राएं अक्सर विवादास्पद रही हैं – अमेरिका में भारत की आलोचना से लेकर अब यह टाइमिंग। लेकिन PM की यात्राएं डिप्लोमेसी के नाम पर होती हैं, जबकि राहुल की को पार्टी आउटरीच कहा जाता है। अब सवाल यह है – क्या विपक्ष को भी वैसी ही छूट मिलनी चाहिए?” Parliament:
