दिल्ली ( रिपोर्ट – तरुण कालरा) : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दफ्तरों को लेकर नए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर जारी किए हैं और जारी किए गए नए SOP के मुताबिक किसी भी मामले में दफ्तर बंद करने के प्रावधान का ज़िक्र नहीं यानि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना संक्रमण मामले सामने आने पर दफ्तर बंद करने का नियम हटाया दिया है
SOP में ‘Closure of Workplace की जगह अब ‘Management of Premises’ ने ली यानी अब दफ्तर बंद करने की जगह दफ्तर में प्रबंधन की बात होगी । 13 फरवरी को जारी की गई नई SOP में कहा गया है :
1. अगर किसी दफ्तर में एक या दो संक्रमण मामले रिपोर्ट होते हैं तो डिसइन्फेक्शन की प्रक्रिया केवल उस जगह/इलाके तक सीमित रहेगी जहां पर मरीज बीते 48 घंटे में गया है या रहा है। और डिसइन्फेक्शन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद दफ्तर में काम फिर से शुरू किया जा सकता है ।
2. अगर किसी वर्कप्लेस पर बहुत सारे मामले रिपोर्ट होते हैं तो पूरे ब्लॉक/बिल्डिंग या दफ़्तर(संक्रमण या संक्रमित के दायरे के आधार पर) को कीटाणु रहित किया जाना चाहिए ।
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जबकि पिछले साल 4 जून 202 को जारी पुरानी SOP में कहा गया था :
1. अगर किसी दफ्तर में एक या दो संक्रमण मामले रिपोर्ट होते हैं तो डिसइन्फेक्शन की प्रक्रिया केवल उस जगह/इलाके तक सीमित रहेगी जहां पर मरीज बीते 48 घंटे में गया है या रहा है। दफ्तर की पूरी बिल्डिंग को बंद करने की जरूरत नहीं है या दफ्तर की दूसरी जगहों में काम रोकने की जरूरत नहीं है और डिसइन्फेक्शन प्रक्रिया पूरी होने के बाद काम फिर से शुरू किया जा सकता है
2. लेकिन अगर बड़े पैमाने पर संक्रमण हुआ तो बिल्डिंग या ब्लॉक की अच्छे से डिसइन्फेक्शन प्रक्रिया पूरी करने के बाद 48 घंटों के लिए बंद करना होगा। सारा स्टाफ work-from-home करेगा जब तक बिल्डिंग या ब्लॉक को अच्छे से कीटाणु रहित करके काम करने के लिए फिर से फिट घोषित नहीं कर दिया जाता ।