चरखी दादरी(प्रदीप साहू): महंगाई डायन की बुरी नजर रसोई पर पड़ चुकी है। पहले खाना पकाने का तेल आटा, चावल आदि महंगा हुआ। अब नींबू के दाम आसमान छू रहे हैं। चरखी दादरी के बाजार में इसकी कीमत 250 रुपए के पार पहुंच गई है। यही नहीं, भिंडी, तोरी, शिमला मिर्च, घिया जैसी मौसमी सब्जी भी अब इतरा रही है। अधिकतर लोग अब हरी सब्जी के बदले दाल, राजमा और छोले जैसे विकल्पों से काम चला रहे हैं।
नींबू की कीमतें आसमान में
नींबू की कीमतों में लगातार इजाफा हो रहा है। दादरी की लोकल सब्जी मंडियों में बीते 5 दिनों में ही 80 रुपये प्रति किलो तक बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। इसके पीछे जहां सब्जियों पर बीमारियों की मार बताई जा रही है, वहीं इस बार पेट्रोल-डीजल के रेट बढऩे पर किराया-भाड़ा भी बढ़ना माना जा रहा है। सब्जी मंडी कारोबारी धर्मबीर सिंह ने बताया कि गर्मी के दिनों में माल खराब हो जाता है। हम थोक में 5 से 10 किलो नींबू लेकर आते हैं। अधिकतर ग्राहक 100 ग्राम से 250 ग्राम तक ही खरीदते हैं। इसके अलावा अन्य सब्जियों के दामों में खासी बढ़ोतरी हुई है। सब्जी मंडी आढ़ती एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष नीतिन जांघू ने बताया कि इस बार गर्मी अधिक पड़ने से कुछ हरी सब्जियों की पैदावार भी कम हुई है। पेट्रोल-डीजल के रेट बढऩे पर किराया-भाड़ा भी बढा है, यही कारण है कि कुछ सब्जियों की कीमतों में इजाफा हुआ है।
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इस बार मार्च में ही मौसम का पारा चढ़ गया। अप्रैल की शुरूआत में तो लू जैसे हालात हो गए हैं। इससे कुछ हरी सब्जियों की कीमतों में भी इजाफा देखने को मिल रहा है। भिंडी, तोरी, शिमला मिर्च और हरी मिर्च की कीमतें भी सौ रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई हैं। इस समय खूब बिकने वाला परवल भी 80 रुपये किलो बिक रहा है। मटर की फलियां भी 80 रुपये किलो बिक रही है। इन दिनों टमाटर भी 40 रुपये किलो के करीब पहुंच गया है।
महंगाई के चलते चटनी से खा रहे रोटी
गृहणी संतोष देवी ने बताया कि सब्जियों के भाव आसमान छू रहे हैं। मेरी 80 साल की उम्र में इतनी महंगाई कभी नहीं देखी। मजबूरी में चटनी के साथ रोटी खाने पर मजबूर हैं। इस समय मौसमी सब्जियां खासी सस्ती रहती हैं, लेकिन इस बार तो प्याज-टमाटर के रेट देखकर सब्जी बनाने का ही मन नहीं करता। खासी महंगाई के कारण चटनी बनानी पड़ रही है।