(कृष्ण बाली): गुजरात के मोरबी में केबल पुल टूटने से लगभग 134 लोगों की मरने की खबर आई है, जिसके बाद इस पर सियासत भी गरमाने लगी है। जिस पर कांग्रेस के नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट करके भाजपा सरकार से सवाल पूछे कि फिटनेस सर्टिफिकेट के बगैर पुल को जनता के हवाले कैसे कर दिया। सुरजेवाला ने ट्वीट में कहा कि कहीं आचार संहिता लगने से कही आनन फानन में तो नही किया गया। वहीं विज ने सुरजेवाला पर पलटवार करते हुए कहा कि रेस्क्यू कार्य किया जा रहा है और वही करना चाहिए। सुरजेवाला को तो मौका मिलना चाहिए लोगों की जो मौते हुई उन पर भी राजनीति कर रहे है। ऐसे राजनेता कभी सफल नहीं होते है। पहले तो वहां रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है और इसमें कोई कमियां होगी तो उसमें भी कार्रवाई की जाएगी। सुरजेवाला को इतना उतावला नहीं होना चाहिए।
पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर जावेद मिया दाद ने बयान दिया कि भारत के लोग कायर है। जिस पर अनिल विज ने पलटवार करते हुए कहा कि पाकिस्तान को 1965 में ,1971 में धूल चटाई। कारगिल युद्ध में सब कुछ तोड़ दिया लेकिन अभी भी पाकिस्तान को शर्म नहीं आई। अभी भी उन्हें दिखाई नहीं दिया हिंदुस्तान की क्षमता और हिंदुस्तान की दिलेरी। इससे उन्हें सबक लेना चाहिए और इस तरह की अनर्गल बातें नही करनी चाहिए।
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अनिल विज ने ट्वीट किया कि 2047 का भारत कैसा हो ? जिसमें उन्होंने साहित्यकारों से किताब लिखने को कहा जिस पर अनिल विज ने कहा कि साहित्यकारों की मीटिंग में शामिल हुआ था। विज ने कहा कि अंबाला में विनय मल्होत्रा ने यूक्रेन पर किताब लिखी है। जोकि सबसे लेटेस्ट है और हिंदुस्तान में किसी ने नहीं लिखी है।
ऐसे ही ट्रांसजेंडर के मौलिक अधिकारों पर किताबें लिखी गई है। वहीं 1857 की क्रांति अंबाला छावनी से शुरू हुई है इस पर भी किताब लिखी गई है। इसके साथ ही अंबाला के साहित्यकारों ने कई और विषयों पर भी किताबें लिखी है। इसलिए विज ने अंबाला के साहित्यकारों को सुझाव दिया कि 2047 के भारत पर भी किताब लिखनी चाहिए।