चंडीगढ़, AAP: आम आदमी पार्टी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अनुराग ढांडा ने सोमवार को आजादी के अमृत महोत्सव पर किसानों की दुर्दशा को लेकर प्रेसवार्ता की। उनके साथ यूथ विंग प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मनीष यादव और पंचकूला जिला अध्यक्ष रंजीत उप्पल भी मौजूद रहे। अनुराग ढांडा ने कहा कि सिरसा के गांव नारायण खेड़ा के 13 किसान 13 दिन से भूख हड़ताल पर बैठे हैं, इनमें कई किसान 60 से 70 वर्ष की उम्र के हैं। तीन किसान अस्पताल में भर्ती हो चुके हैं और वहीं से अपनी भूख हड़ताल जारी रखे हुए हैं। यदि बुजुर्ग किसानों की तबीयत खराब होती है तो रिकवरी हो पाना मुश्किल है, लेकिन सरकारी अधिकारियों, मंत्रियों और विधायकों के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही। पिछले 103 दिन से धरना और 13 दिन से भूख हड़ताल चल रही है। चार किसान पानी की टंकी पर चढ़े हुए हैं और सरकार सुनने को तैयार नहीं है। आम आदमी पार्टी इस मामले में पूरी मजबूती के साथ किसानों के साथ खड़ी है।AAP
उन्होंने कहा कि किसान सरकार से 2022 का बीमा क्लेम मांग रहे हैं, जिसके लिए उन्होंने सारी प्रीमियम राशि पहले ही भरी हुई है। किसानों का 250 करोड़ का प्रीमियम बीमा कंपनी के पास गया हुआ है। पूरे सिरसा जिले का 641 करोड़ रुपये का क्लेम बीमा कंपनी के पास पेंडिंग है और सरकार ने ऐसी कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने की बजाय अगले तीन साल के लिए हरियाणा के तीन कलस्टर में से दो इस कंपनी को दे दिए गए हैं।AAP
उन्होंने कहा कि बीमा कंपनी के साथ स्थानीय अधिकारियों और सरकार की सांठ गांठ है। आजादी के अमृत महोत्सव की पूर्व संध्या पर किसान बैठक करके फैसला ले रहे हैं कि 16 अगस्त को नेशनल हाईवे जाम करेंगे, इससे टकराव की स्थिति उत्पन्न हो रही है। उन्होंने कहा कि 15 अगस्त को फतेहाबाद में मुख्यमंत्री तिरंगा फहराएंगे, आजादी के इस पर्व को हर देशवासी धूमधाम से मनाना चाहता है, इस पर्व में हरियाणा के किसान भी शामिल हो सकें, इसके लिए मुख्यमंत्री खट्टर दखल देकर तुरंत प्रभाव से 641 करोड़ रुपए की पेंडिंग बीमा राशि का भुगतान करवाए।
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उन्होंने कहा कि एआईसी (एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी) ने इस बार फसल बीमा योजना की प्रीमियम राशि 10 से 15 प्रतिशत बढ़ा दी है। धान के लिए 1927 रुपए, बाजरा के लिए 929 रुपए, मक्का के लिए 988 रुपऐ, कपास के लिए 4929 रुपए और मूंग के लिए 864 रुपए प्रीमियम के साथ नई राशि निर्धारित की गई है। जिस किसान ने अपना प्रीमियम 2022 में समय पर भरा था, उसको 2022 में क्लेम क्यों नहीं मिला। इसके लिए सरकार जिम्मेदार है। उन्होंने खट्टर सरकार किसानों को बीमा क्लेम पर कंपनी से ब्याज भी दिलाए और ये सुनिश्चित करें कि किसानों को समय पर बीमा क्लेम मिल सके। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि यदि कृषि मंत्री पिछले सप्ताह ही फैसला करवा चुके हैं तो उन्होंने इसकी जानकारी प्रशासनिक अधिकारयों को क्यों नहीं दी और प्रशासनिक अधिकारी ने इस फैसले की जानकारी बैठक में किसानों को क्यों नहीं दी?
उन्होंने कहा कि बीमा कंपनियां प्रति एकड़ के हिसाब से बीमा करती हैं और जब बीमा का क्लेम देना होता हैं तो बेसिक यूनिट गांव को माना जाता है। उसके आधार पर तय होता है कि कितना बीमा क्लेम दिया जाएगा, इस आधार पर यह तय नहीं होता कि जिस किसान ने पूरा प्रीमियम भरा, उसके खेत में कितना नुकसान हुआ। इस मूलभूत ढांचे को बदलने की जरूरत है। इस पर आम आदमी पार्टी विचार कर रही है और बहुत जल्द आम आदमी पार्टी अपनी पॉलिसी लेकर आएंगे। मूलभूत यूनिट बीमा राशि के लिए एक एकड़ भूमि को ही माना जाना चाहिए।
इसके अलावा, उन्होंने कहा सीएम खट्टर कहते हैं कि सीईटी के बच्चों के लिए परीक्षा पेपर सेट करना सरकार की जिम्मेदारी नहीं है। उन्होंने कहा कि सीएम खट्टर पेपर नहीं करवा सकते, सीएम खट्टर प्रदेश की जनता को पुलिस की सुरक्षा नहीं दे सकते, क्लर्कों को 35400 वेतन नहीं दे सकते, आशा वर्कर्स को पक्का नहीं कर सकते, किसानों को मुआवजा नहीं दे सकते, कर्मचारियों को ओपीएस नहीं दे सकते और सरपंचों को उनके अधिकार नहीं दे सकते तो मुख्यमंत्री खट्टर कुर्सी से क्यों चिपके हुए हैं। जब उनसे हरियाणा संभल नहीं रहा तो मनोहर लाल खट्टर को सीएम पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
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