(रवि विदानी): महासमुंद जिले के सिरपुर क्षेत्र में 387 दिन से करणी कृपा पावर प्लांट लगाए जाने के विरोध में चल रहे सत्याग्रह पर छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा के नेता अनिल दुबे ने प्रेसवार्ता में कहा कि करणी कृपा पावर प्लांट के उद्योगपतियों द्वारा जिला प्रशासन के साथ सांठगांठ कर, चल रहे सत्याग्रह को कुचलने की नियत से जिला प्रशासन ने अवैधानिक रूप से आदिवासियों के द्वारा बनाए गए झुग्गी झोपड़ी और बुढ़ा देव के मंदिर को तोड़ दिया और मुझे धोखे से बुलाकर 151 की कार्यवाही करते हुए 3 दिन जेल में बंद कर दिया गया था, जिस पर हाई कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के लोगों को नोटिस दिया है।
छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा के नेता अनिल दुबे ने पुलिस प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा है कि मुझे बैठक के बहाने बुलाकर महासमुंद साइबर सेल में गिरफ्तार कर लिया गया, और पुलिस प्रशासन ने गलत तरीके से मेरी गिरफ्तारी तुमगांव थाने में बता रही है, जबकि मुझे तुमगांव थाना ले जाया ही नहीं गया है। पुलिस प्रशासन द्वारा किए गए अवैधानिक रूप से कार्यवाही के विरोध में हम हाईकोर्ट गए थे और माननीय हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन को नोटिस जारी किया।
छत्तीसगढ़ किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अनिल दुबे ने कहा कि सिरपुर क्षेत्र को औद्योगिक क्षेत्र घोषित नहीं किया गया है और जिला प्रशासन और स्थानीय नेताओं की मदद से करणी कृपा पावर प्लांट के उद्योगपतियों द्वारा आदिवासी किसानों की बेशकीमती अरबों की जमीन पर कब्जा कर पावर प्लांट का निर्माण कराया जा रहा है, जिसके विरोध में 387 दिन से लगातार नेशनल हाईवे में ग्रामीणों का सत्याग्रह आंदोलन चल रहा है। इस आंदोलन को दबाने की नियत से जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने आदिवासी गरीब ग्रामीणों पर अत्याचार कर रही है। निर्माणाधीन पावर प्लांट की वजह से किसानों के खेत में एक बूंद पानी नहीं है।
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आसपास के पूरे गांव के तालाब अभी से सूख चुके हैं, आने वाले दिनों में भीषण गर्मी पर ग्रामीणों को पानी की बूंद बूंद के लिए तरसना होगा। राज्य सरकार के संरक्षण के चलते उद्योग पतियों के हौसले बुलंद हैं। छत्तीसगढ़ किसान संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अनिल दुबे ने कहा है कि जब तक किसानों को न्याय नहीं मिल जाता तब तक यहां आंदोलन जारी रहेगा, आने वाले चुनाव में स्थानीय नेताओं को परिणाम भुगतने होंगे।