भारत की फिल्म ‘द एलिफेंट व्हिस्परर्स’ को बेस्ट डॉक्यूमेंट्री शार्ट फिल्म के लिए ऑस्कर अवार्ड से सम्मानित किया गया है। जिसके डायरेक्टर कार्तिकी गोंजाल्विस और प्रोड्यूसर गुनीत मोंगा हैं। वहीं इस फिल्म की कहानी भी काफी दिलचस्प है। 39 मिनट की इस फिल्म में इंसान और जानवरों के बीच की बॉन्डिंग को दिखाया गया है। यही इस फिल्म की खासियत है। ओरिजिनली रूप से तमिल भाषा में बनी इस शार्ट फिल्म को 8 दिसम्बर 2022 को नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम की गयी थी।
इस फिल्म की मूल कहानी दक्षिण भारतीय कपल बोमन और बेली की है। जिसमें वो एक अनाथ हाथी की देखभाल करते हैं। जिसका नाम रघु होता है। शॉर्ट फिल्म की सबसे बड़ी खासियत यह होती है की ऐसी फिल्मे बनाने के लिए लोगों की असल जिंदगी को ऑब्ज़र्व करना पड़ता है। वहीं इस फिल्म की डायरेक्टर ने भी इसे बनाने के लगभग 5 साल तक बोमन और बेली के जिंदगी को करीब से देखा और उन्हें फॉलो किया।
इस फिल्म के लिए स बेबी हाथी के हर छोटे बड़े मोमेंट्स को कैप्चर किये जाते थे जिसमें खाना खाने के हाथी का ख़ुशी से झूमना, इस तरीके से फिल्म के लिए साढ़े चार सौ घंटे के फुटेज कैप्चर हुए। फिल्म की शूटिंग लोकेशन तमिलनाडु के मदुमलाई रिजर्व में की गयी है। फिल्म में प्राकृतिक सुंदरता और आदिवासियों के प्यार को दर्शाया गया है। और उनकी जानवरों के साथ सामजस्य को बखूबी दिखाया गया है की कैसे आदिवासी प्राकृतिक को सहेजे हुए अपना जीवन यापन करते हैं। और जानवरों से उनके सम्बन्ध कैसे है ये सब फिल्म की खूबसूरती है। ये फिल्म पर्यावरण संरक्षण की भारतीय संस्कृति और परंपरा को भी दिखाती है।
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वहीं फिल्म के डायरेक्टर का भी कहना है की मैं बस रघु से दोस्ती करने की अपनी जर्नी शूट कर रही थी। मेरे मन में नहीं था कि मुझे डॉक्यूमेंट्री बनानी है। लेकिन, जो प्यारे पल कैप्चर हुए उन्हें देखकर लगा कि 15 मिनट की कोई छोटी सी डॉक्यूमेंट्री बना ही लेते हैं। उन्होंने ये भी बताया की मैं उसके हर छोटे बड़े पल को रिकॉर्ड करना चाहती थी। इसके कुछ शूट कैमरे से तो कुछ फोन से रिकॉर्ड हुए हैं। मैं बोमन, बेली और रघु की हर सिंगल चीज को बस कैमरे में कैद करती गई। तीनों के बीच मुझे कमाल का फैमिली डायनामिक यानी परिवार वाला रिश्ता महसूस हुआ। कपल इस बेबी हाथी को अपना बच्चा मानकर उसे पाल रहे थे। इसकी स्टोरी काफी मार्मिक भी है।