Gujarat Riots Case: अहमदाबाद के नरोदा दंगा मामले में बरी होने के बाद आरोपियों ने फैसले को सच्चाई की जीत बताया है। साथ ही कहा कि अदालत के निर्णय उनके खिलाफ साजिश का पर्दाफाश कर दिया है। अदालत के बाहर का दृश्य बेहद ही भावुक था। बाहर आने के बाद भारत माता की जय के नारे लगाए। 49 वर्षीय आरोपी समीर पटेल ने कहा, भगवान और न्यायपालिका का आभारी हूं। क्योंकि न्याय हुआ है। हम सभी निर्दोष थे और यह अदालत के सामने साबित हो गया है। परिवार ने 21 वर्षों में बहुत कुछ झेला है। पक्ष में फैसला आने के बाद बेहद खुश हूं। बरी किए गए आरोपियों में से एक ने कहा कि विशेष अदालत के फैसले ने उन लोगों की साजिश का पर्दाफाश कर दिया है, जिन्होंने निर्दोषों को फंसाने की साजिश रची थी।
28 फरवरी को अहमदाबाद के नरोडा गांव में हुई घटना के 6 साल बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जांच एसआईटी को सौंपी गई थी। इस मामले की सुनवाई 2009 से शुरु हुई थी। मामले में 187 लोगों से पूछताछ हुई थी। जबकि 57 चश्मदीद के बयान भी दर्ज किए गए थे इस मामले में 13 साल से सुनवाई चल रही थी।
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गोधरा कांड के बाद भड़की थी हिंसा
गोधरा में ट्रेन आगजनी की घटना में अयोध्या से लौट रहे 58 यात्रियों की मौत के एक दिन बाद 28 फरवरी 2002 को अहमदाबाद शहर के नरोदा गाम इलाके में दंगों के दौरान कम से कम 11 लोग मारे गए थे। नरोदा ग्राम मामले में आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 307 (हत्या का प्रयास), 143 (गैरकानूनी जमावड़ा), 147 (दंगा), 148 (घातक हथियारों से लैस होकर दंगा करना), 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत मुकदमा चल रहा है।
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