अफगानिस्तान से सुरक्षित घर वापसी के साथ ही कई भारतीयों ने राहत की सांस ली। रविवार सुबह भी भारतीय वायु सेना का विमान सी-17 ग्लोबमास्टर 168 यात्रियों को सुरक्षित लेकर हिंडन एयर बेस पहुंचा है। जिन भारतीयों के परिजनों को यह जानकारी मिली तो कल शाम से ही हिंडन एयर बेस कैंप के बाहर ही बड़ी संख्या में उनके परिजन अपनों की राह जोह रहे थे। जैसे ही अफगानिस्तान से उनके घर के सदस्य सुरक्षित वापस पहुंचे तो सभी की आंखें खुशी से नम हो रही थीं। इन यात्रियों में 107 भारतीय नागरिक थे।
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107 भारतीयों के अलावा अन्य यात्री अफगानी नागरिक भी थे। सभी की आंखों में खौफ दिखाई दे रहा था। हालांकि यहां पर सभी को सुरक्षित लाया गया है। काबुल से सी-17 विमान में आये इन यात्रियों के बीच भारतीय मूल के अफगानी सांसद नरेंद्र सिंह खालसा अनारकली होनरयार और उनके परिवार के लोग भी शामिल हैं। यह लोग उन यात्रियों में शामिल रहे जिन्हें शनिवार को काबुल एयरपोर्ट से तालिबानी सैनिकों के साथ ही ले जाया गया था और उन्हें कहा गया था कि इसलिए यह लोग देश नहीं छोड़ सकते हैं क्योंकि यह अफगानी हैं। अफगानी सांसद नरेंद्र सिंह खालसा जब वहां के हालात के बारे में बता रहे थे तो वह खुद बेहद दुखी नजर आ रहे थे और भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने जीवन में जोभी 20 साल में किया है, वह सब धराशाई हो चुका है। उन्होंने तालिबानियों के द्वारा वहां के लोगों के साथ की जा रही बर्बरता के बारे में भी विस्तार से बताया। सांसद नरेंद्र सिंह खालसा ने भारत सरकार की सराहना भी की है। उन्होंने कहा कि जिस वक्त विमान काबुल से चला तो उनमें एक अफगान का एक बच्चा भी शामिल था। जिसके पास भारतीय पासपोर्ट भी नहीं था।लेकिन सरकार ने उसे भी नहीं रोका क्योंकि वह बच्चा अपनी मां की गोद में खेल रहा था। उनके अलावा अन्य कई अफगानियों ने भी बताया कि वहां के जिस तरह के हालात हैं। इन हालातों में वहां रहना सभी का बेहद मुश्किल है। अफगान से आई एक बुजुर्ग महिल ने भी बताया कि वह अपनी बेटी और दो पोते पोतियो के साथ भारत आई है। वह तालिबानियों की क्रूरता देखकर बेहद दुखी हैं क्योंकि तालिबानियों ने उनके घर जला दिए हैं। उनके कई लोगों की हत्या भी की है और जिस तरह से भारत आए हैं। यहां भारतीय भाई–बहन इन लोगों के बचाव में आए हैं।
काबुल से आए इन यात्रियों ने बताया कि काबुल में रहने वाले लोगों को जब यह जानकारी मिली है। कि भारत सरकार उनके बचाव में आ रही है और तमाम अफगानी भारत में पहुंच चुके हैं। तो वहां के अन्य लोग भी भारत आने की इच्छा जाहिर कर रहे हैं क्योंकि उन्हें मालूम है कि अब वह केवल और केवल भारत में ही सुरक्षित रह सकते हैं।