मराठा आरक्षण आंदोलन पर सर्वदलीय बैठक जारी, शरद पवार गुट के विधायकों ने विधानसभा सत्र की मांग को लेकर किया प्रदर्शन

Maratha Reservation Movement– महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण आंदोलन के बीच राज्य के हालात पर चर्चा करने के लिए बुधवार को मुंबई में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की तरफ से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक जारी है। बैठक में उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बालासाहेब थोराट, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण, शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता अनिल परब समेत कई नेता मौजूद हैं।… Maratha Reservation Movement

मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने पहले कहा था कि मुख्यमंत्री शिंदे विपक्षी नेताओं को मराठा आरक्षण आंदोलन से निपटने के लिए सरकार की योजनाओं से अवगत कराएंगे और उनका समर्थन मांगेंगे। पिछले कुछ दिनों में राज्य के कई हिस्सों में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर हिंसक घटनाएं देखी गई हैं।

मराठवाड़ा के पांच जिलों में सरकारी बस सेवाएं पूरी तरह से निलंबित कर दी गई हैं जबकि बीड के कुछ हिस्सों में सोमवार को कर्फ्यू और इंटरनेट बंद कर दिया गया, जहां प्रदर्शनकारियों ने राजनैतिक नेताओं के घरों को निशाना बनाया था। मुख्यमंत्री शिंदे ने लोगों से हिंसा न करने की अपील की है और राजनैतिक दलों से भी ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल होने से बचने को कहा है जिससे राज्य में हालात खराब हो।

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एक तरफ जहां मराठा आरक्षण को लेकर सर्वदलीय बैठक चल रही है, वहीं एनसीपी (शरद पवार) गुट के विधायक रोहित पवार, जितेंद्र अव्हाद और शशिकांत शिंदे ने मराठा आरक्षण की मांग के लिए विशेष विधानसभा सत्र की मांग करते हुए विधानसभा के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को आदेश जारी करते हुए संबंधित अधिकारियों से योग्य मराठा समुदाय के सदस्यों को नए कुनबी जाति प्रमाण पत्र जारी करने को कहा, जिससे उनके लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत मिलने वाले आरक्षण का रास्ता साफ हो जाए।

एक सरकारी प्रस्ताव (जीआर) ने अधिकारियों से कुनबियों के संदर्भ वाले पुराने दस्तावेजों का अनुवाद करने और उर्दू और ‘मोदी’ लिपि (जिसका इस्तेमाल पहले के समय में मराठी भाषा लिखने के लिए किया जाता था) में लिखा गया था। उसका अनुवाद करने के लिए कहा। इन दस्तावेज़ों को डिजिटाइज कर प्रमाणित किया जाएगा और फिर सार्वजनिक डोमेन में डाला जाएगा। ये फैसला तब आया जब सीएम शिंदे ने कहा कि सरकार नियुक्त समिति ने 1.72 करोड़ पुराने दस्तावेजों (निजाम-युग सहित) की जांच की और उनमें से 11,530 रिकॉर्ड पाए गए जहां कुनबी जाति के बारे में लिखा गया था। किसानों से जुड़ा कुनबी समुदाय महाराष्ट्र में ओबीसी श्रेणी के अंतर्गत आता है और समुदाय को शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण मिलता है

जालना जिले के अंतरवाली सराटी गांव में आरक्षण की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जारांगे ने मंगलवार को कहा कि मराठा समुदाय ‘‘अधूरा आरक्षण’’ स्वीकार नहीं करेगा और महाराष्ट्र सरकार को इस समस्या पर राज्य विधानमंडल का विशेष सत्र बुलाना चाहिए। जारांगे ने मराठवाड़ा क्षेत्र में मराठों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र देने के राज्य मंत्रिमंडल के फैसले पर नाराजगी व्यक्त की।

Source- PTI

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