(प्रदीप कुमार)-सरकोली। बीआरएस प्रमुख और तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर ने कहा है कि यदि कल्याण और विकास उपायों को तेलंगाना में लागू किया जाता है तो महाराष्ट्र में भी तेलंगाना जैसा विकास हो सकता है। कुछ भी असंभव नहीं है।बीआरएस सुप्रीमो ने कहा कि तेलंगाना में कम समय में लोगों के लिए सर्वांगीण विकास हुआ है, जबकि महाराष्ट्र इसमें पीछे हैं। शासक प्रतिबद्ध हों तो विकास जड़ों तक पहुंचेगा। तेलंगाना जैसे राज्य में विकास का फल आम लोगों तकपहुंच रहा है। उन्होंने कहा, तेलंगाना नवीनतम जन्मा राज्य है, लेकिन इस राज्य के नियोजित दृष्टिकोण से तेजी से विकास संभव हुआ है। बीआरएस प्रमुख ने विशेष रूप से किसानों के उत्थान के लिए तेलंगाना सरकार द्वारा किए गए विभिन्न कल्याणकारी उपायों के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि रायथु बंधु और रायथु बीम किसानों के लिए लाभकारी साबित हुआ है। महाराष्ट्र के ग्रामीण हिस्सों में बीआरएस की यात्रा के अधिकार क्षेत्र पर सवाल उठाने के लिए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री फड़नवीस पर तीखा हमला करते हुए केसीआर ने कहा कि अगर तेलंगाना की योजनाएं महाराष्ट्र सरकार लागू करती है तो वह मध्य प्रदेश का रूख कर लेंगे। “अगर कल्याण लोगों के पास है तो हम यहां नहीं आएंगे। महाराष्ट्र में पीने के पानी की कमी, बुनियादी सुविधाओं की कमी और कई खामियां हैं, इसलिए हम अपनी क्षमता साबित करने के लिए यहां आए हैं।’
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केसीआर ने कहा कि तेलंगाना में विकलांगों को तीन हजार रूपए मासिक पेंशन दिया जाता है जिसे अब बढाकर चार हजार रूपए किया गया है। केन्द्र सरकार किसानों को छह हजार रूपए तीन किस्तों में देती है, तेलंगाना सरकार प्रत्येक किसान को दस हजार रूपए प्रति एकड़ देती है। तेलंगाना सरकार ने भूमि रिकार्ड का डिजीटलीकरण किया है। मैं किसान हूं, इसलिए किसान की समस्या समझ सकता हूं। केन्द्र सरकार ने डिजिटल इंडिया की घोषणा की है तो इसे महाराष्ट्र में लागू क्यों नहीं किया है? केन्द्र सरकार ने मेक इन इंडिया लागू किया तो हर जगह चीन के बने सामान क्यों बिक रहे हैं? भारत का परिवर्तन होने से भारत की समस्याओं का समाधान हो सकेगा। इससे पहले बीआरएस प्रमुख और तेलंगाना के जन प्रतिनिधियों ने पारंपरिक तरीके से पंडारीपुरम में पूजा-अर्चना की।