अमन पांडेय : राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ RSS चीफ के बयान पर अब जगदगरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्र्वरानंद का कमेंट आया है। उन्होंने RSS प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर निशाना साधते हुए कहा कि मोहन भागवत की छवि पर लगे दाग को खत्मकर करने के लिए माफी काफी नहीं है।स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि उन्होंने (मोहन भागवत) देर से अपार ज्ञान प्राप्त किया है। उन्हें बताना चाहिए कि उन्होंने क्या रिसर्च की। अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि उन्होंने गीता में पढ़ा है कि भगवान कृष्ण ने खुद कहा है कि उन्होंने चार वर्णों की रचना की है।
संघ प्रमुख के बयान पर निशाना साधते हुए जगद्गुरु शंकराचार्य ने सवाल किया कि मोहन भागवत कह रहे हैं कि भगवान ने उन्हें नहीं बनाया है। उन्हें पंडितों ने बनाया है। मोहन भागवत कहते हैं। कि पंडित का मतलब ‘विद्वान’ है न कि ब्राह्मण। तो फिर अगर विद्वानों ने कुछ कहा है कि तो उनकी अवहेलना क्यों की जा रही है।
जब उनसे पूछा गया कि भागवत से इस बयान के लिए माफी मांगने की मांग की जा रही है। इस पर अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि इससे कोई फायदा नहीं होगा, क्योंकि उनकी हले ही काफी आलोचना हो चुकी है।
बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने जातिवाद को लेकर बड़ा बयान दिया था। भागवत ने कहा था कि हमारे समाज के बंटवारे का ही फायदा दूसरों ने उठाया। इसी का फायदा उठाकर हमारे देश में आक्रमण हुए और बाहर से आये लोगों ने फायदा उठाया। हिन्दू समाज देश में नष्ट होने का भय दिख रहा है क्या ? यह बात आपको कोई ब्राह्मण नहीं बता सकता, आपको समझना होगा। हमारे आजीविका का मतलब समाज के प्रति भी जिम्मेदारी होती है। जब हर काम समाज के लिए है तो कोई ऊंचा, कोई नीचा, या कोई अलग कैसे हो गया?
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उन्होंने कहा था भगवान ने हमेशा बोला है कि मेरे लिए सभी एक हैं। उनमें कोई जाति, वर्ण नहीं है। लेकिन पंडितों ने ने श्रेणी बनाई, वो गलत था। देश में विवेक, चेतना सभी एक है। उसमें कोई अंतर नहीं। बस मत अलग-अलग हैं। धर्म को हमने बदलने की कोशिश नहीं की। बदलता तो धर्म छोड़ दो। ऐसा बाबा साहेब अम्बेडकर ने कहा। परिस्थिति को कैसे बदलों, यह बताया है।