Ayodhya Ram Mandir- 22 जनवरी पूरे देश के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण है.क्योकि इस दिन रामलला अपने भव्य मंदिर के गर्भगृह में विराजमान होंगे. प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए अयोध्या को दुल्हन की तरह सजाया-संवारा जा रहा है.और राम मंदिर के उद्घाटन को लेकर तैयरियां बिल्कुल तेजी से चल रही है. इस क्रार्यक्रम को खास बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार के साथ -साथ मंदिर का ट्रस्ट भी जी-जान से जुटा हुआ हैं . जैसे -जैसे प्राण -प्रतिष्ठा की तारीख पास आ रही है,वैसे -वैसे वैसे-वैसे हर रोज राम मंदिर से जुड़ी हुई खास जानकारियां सामने आ रही हैं.इस मौके को खास बनाने के लिए रामभक्त अलग -अलग गतिविधिया कर रहे है.किसी रामभक्त ने राम जी के लिए तुलसी की खास मालाएं ,सोने की खड़ाऊ, 108 फीट अगरबत्ती , बनाई हैं .
इसी कड़ी में राम मंदिर में स्थापित होने वाली रामलला की मूर्ति की पहली तस्वीर सामने आ गई है.विशेष अनुष्ठान के तहत पालकी में विराजित रामलला को मंदिर परिसर में भ्रमण कराया गया है. हालांकि यह असली मूर्ति नहीं है, जो गर्भगृह में स्थापित होगी और ना ही इस मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी. इसे प्रतीकात्मक मूर्ति बताई जा रही है, जिसका मंदिर परिसर में भ्रमण करवाया गया है.
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बता दें कि भगवान राम की असल मूर्ति, जो गर्भगृह में स्थापित होगी, उसे 18 जनवरी को राम मंदिर परिसर में लाया जा सकता है. भगवान राम के बालस्वरूप की जिस असल मूर्ति को स्थापित किया जाएगा, उसे कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाया है. बता दें कि 22 जनवरी को होने वाले प्राण-प्रतिष्ठा से पहले मंदिर में विशेष पूजा-अनुष्ठान का कार्यक्रम शुरू हो चुका है. मुख्य पूजा से पहले जो आधिकारिक पूजा-पद्धति है, उसके मुताबिक भगवान राम के विग्रह को मंदिर परिसर में ले जाया गया.
मंदिर परिसर में भ्रमण करवाने के बाद बाल स्वरूप को मंदिर में प्रवेश करवाया गया. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भगवान राम के बाल स्वरूप को पहले नगर भ्रमण करवाने की योजना था. लेकिन सुरक्षा व्यवस्था के चलते इस कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया और केवल भगवान को सिर्फ मंदिर परिसर में ही भ्रमण करवाया गया.
भ्रमण होने के बाद रामलला को मंदिर में ले जाया गया. वहीं गर्भगृह को पवित्र करने के लिए भी विशेष तरह की पूजा-पाठ की जाएगी. प्राप्त जानकारी के मुताबिक सरयू नदी से लाए हुए जल से गर्भगृह की सफाई होगी और साथ ही जो देश के कोनों से और अन्य देशों से जल आया है, उससे भी पवित्र किया जाएगा.