Bharat Jodo Nyay Yatra:राहुल गांधी के नेतृत्व में चल रही भारत जोड़ो न्याय यात्रा मंगलवार को गुजरात से महाराष्ट्र में प्रवेश कर गई। महाराष्ट्र के नंदुरबार पहुंचने पर न्याय यात्रा का जोरदार स्वागत हुआ। इस मौके पर गुजरात के कांग्रेस अध्यक्ष शक्ति सिंह गोहिल ने महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले को राष्ट्रीय ध्वज सौंपा। इस दौरान आयोजित आदिवासी न्याय सम्मेलन में लोगों के उमड़े भारी हुजूम के बीच राहुल गांधी ने आदिवासियों के लिए छह सूत्री आदिवासी संकल्प की घोषणा की।
आदिवासी हिंदुस्तान के पहले मालिक हैं… RAHUL GANDHI
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने संबोधन में कहा कि आदिवासी हिंदुस्तान के पहले मालिक हैं। देश में जो भी जल, जंगल, जमीन और धन-संपदा है, आदिवासी उसके असली मालिक हैं। आदिवासी शब्द के साथ जल, जंगल, जमीन का अधिकार जुड़ा है। जबकि वनवासी शब्द में कोई अधिकार नहीं है। इसलिए भाजपा आदिवासियों को वनवासी कहती है। भाजपा जंगल को खत्म कर अडानी को देती है। आहिस्ता-आहिस्ता पूरा जल, जंगल और जमीन अडानी जैसे अरबपतियों को चला जाएगा।राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिंदुस्तान के सबसे बड़े 20-25 अरबपतियों का 16 लाख करोड़ रूपये का कर्जा माफ किया। वहीं मोदी ने आदिवासी, किसानों और मजदूरों का एक रुपया भी माफ नहीं किया। हिंदुस्तान में अडानी-अंबानी जैसे 22 लोगों के पास उतना ही धन है, जितना हिंदुस्तान के 70 करोड़ लोगों के पास है। मोदी सरकार द्वारा 22 लोगों के लिए सब कुछ किया जाता है और बाकी हिंदुस्तान देखता रहता है।
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जातिगत जनगणना से पता चलेगा कि देश में किस वर्ग के कितने लोग…
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि देश में आदिवासी आठ प्रतिशत हैं, दलित 15 प्रतिशत हैं और पिछड़े 50 प्रतिशत हैं। इन वर्गों की कहीं भी भागीदारी नहीं है। इसलिए जातिगत जनगणना और आर्थिक सर्वे जरूरी है। जातिगत जनगणना से पता चलेगा कि देश में किस वर्ग के कितने लोग हैं। गिनती करने के साथ आर्थिक सर्वे भी होगा। केंद्र में कांग्रेस की सरकार आते ही जातिगत जनगणना कराई जाएगी। इसके साथ ही किसानों को फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की क़ानूनी गारंटी दी जाएगी। आदिवासियों के लिए बड़े ऐलान करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि आदिवासियों के लिए कांग्रेस छह संकल्प लेकर आई है। पहले संकल्प सुशासन के तहत वन अधिकार अधिनियम (एफआरए) के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए एक राष्ट्रीय मिशन स्थापित किया जाएगा, एक स्पेशल बजट रखा जाएगा और विशेष कार्य योजना तैयार की जाएगी। एक वर्ष के भीतर सभी लंबित एफआरए क्लेम्स का निपटान सुनिश्चित किया जाएगा। छह महीने के अंदर सभी अस्वीकृत क्लेम्स की समीक्षा के लिए एक प्रक्रिया स्थापित की जाएगी। दूसरे संकल्प सुधार के तहत कांग्रेस मोदी सरकार द्वारा वन संरक्षण और भूमि अधिग्रहण अधिनियमों में किए गए सभी संशोधनों को वापस लेगी। तीसरे संकल्प सुरक्षा के तहत कांग्रेस सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में उन सभी बस्तियों या बस्तियों के समूहों को अनुसूचित क्षेत्रों के रूप में चिन्हित करने के लिए प्रतिबद्ध है जहां एसटी सबसे अधिक हैं।चौथे संकल्प स्वशासन के तहत कांग्रेस पेसा के अनुसार राज्यों में कानून बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि ग्राम सरकार और स्वायत्त जिला सरकार की स्थापना हो सके। पांचवे संकल्प स्वाभिमान के तहत कांग्रेस पार्टी एमएसपी का अधिकार कानून लाएगी, जिसमें लघु वन उपज (एमएफपी) को भी कवर किया जाएगा। छठे संकल्प सब प्लान के तहत कांग्रेस अनुसूचित जाति योजना और जनजातीय उप-योजना को पुनर्जीवित करने एवं इसे कानून द्वारा लागू करने योग्य बनाने की गारंटी देती है, जैसा कि कुछ राज्यों में कांग्रेस सरकारों ने किया है।