भूपेंद्र सिंह हुड्डा का हरियाणा सरकार पर आरोप ‘पीपीपी है, लेकिन असल में ये परमानेंट परेशानी पत्र है’

Bhupinder Singh Hooda- हरियाणा के पूर्व मुख्‍यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हरियाणा विधानसभा के सत्र संपन्‍न होने के बाद सरकार को कई मुद्दों पर घेरा है। उन्‍होंने कहा कि सदन में सरकार का व्‍यवहार ठीक नहीं रहा है। उन्‍होंने सरकार पर मुद्दों पर सवालों का जवाब देने से बचने का आरोप लगाया है। उन्‍होंने नूंह हिंसा को लेकर कहा कि अगर सोची समझी साजिश है तो इसकी हाईकोर्ट के जज से न्‍यायिक जांच होनी चाहिये। भूपेंद्र हुड्डा ने नूंह हिंसा के अलावा परिवार पहचान पत्र, सीईटी, बेरोजगारी, प्रापर्टी आईडी और लाल डोरा जैसे अन्‍य मुद्दों पर भी घेरा है।

पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने परिवार पहचान पत्र के मुद्दे पर भी सरकार को घेरते हुए  कहा कि सरकार कह रही है कि ये पीपीपी है, लेकिन असल में ये परमानेंट परेशानी पत्र है, जिससे लोगों को तरह-तरह की परेशानी हो रही है, जब सुप्रीम कोर्ट ने कह दिया कि आधार कार्ड भी अनिवार्य नही है तो हरियाणा सरकार परिवार पहचान पत्र को क्‍यों अनिवार्य कर रही है।

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पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हरियाणा सरकार पर बेरोजगारी को लेकर भी सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुये कहा कि दो लाख पद खाली पड़े हैं। उन्‍होंने कहा कि कौशल रोजगार योजना युवाओं के साथ खिलवाड़ है। इतना ही नही सीईटी एक नया तरीका लगा दिया है जो नौकरियों में धांधली का सबसे आसान तरीका है। उन्‍होंने कहा कि पहली परीक्षा के 40 से ज्‍यादा प्रश्‍न दूसरी परीक्षा में रिपीट हो गये।

पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रॉपर्टी आई डी को लेकर भी सरकार को घेरा, उन्‍होंने कहा कि परिवार पहचान पत्र की तरह ही प्रापर्टी आई डी में भी बहुत ज्‍यादा अनियमितताएं हैं। मालिक को दुकानदार बना दिया और दुकानदार को मालिक बना दिया है।

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