केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में रेलवे के चार बड़े प्रोजेक्ट को मिली मंजूरी

 BJP: केंद्रीय कैबिनेट ने आज रेलवे से जुड़ी चार बड़ी परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है। इनमें महाराष्ट्र में वर्धा – भुसावल – 314 किलोमीटर रेल लाइन को मंजूरी मिली है। महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में गोंदिया – डोंगरगढ़ – – 84 किलोमीटर रेल लाइन को मंजूरी मिली है।वही गुजरात और मध्य प्रदेश में वडोदरा-रतलाम – 259 किलोमीटर रेल लाइन को भी मंजूरी मिली है।मध्यप्रदेश में इटारसी-भोपाल-बीना रेल लाइन -237 किमी. को भी केंद्रीय कैबिनेट में मंजूरी दे दी है।केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बैठक के बाद दी गई जानकारी के अनुसार, इन परियोजनाओं पर कुल 24,634 करोड़ रुपये का खर्च आएगा जिन्हें 2030-31 तक पूरा किया जाना है। BJP

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रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि “आज की कैबिनेट बैठक में जिन चार नई रेल परियोजनाओं को मंजूरी मिली है ये कॉरिडोर मजबूत करने के लिए हैं। हमने इन्हें न्यूनतम चार लेन का बनाने का फैसला लिया है, और जहां संभव हो, छह लेन भी। इससे क्षेत्रीय विकास को गति मिलेगी और आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार होगा।रेलवे की ये चारों परियोजनाएं मल्टी-ट्रैकिंग वाली हैं, जो भारतीय रेलवे के नेटवर्क को लगभग 894 किलोमीटर बढ़ाएंगी। ये 18 जिलों को कवर करेंगी, जो महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात और छत्तीसगढ़ राज्यों में फैले हुए हैं। इन मल्टी-ट्रैकिंग रेलवे परियोजना से लगभग 3,633 गांवों, जिनकी जनसंख्या लगभग 85.84 लाख है, और दो आकांक्षी जिलों विदिशा और राजनांदगांव तक कनेक्टिविटी बढ़ेगी। BJP

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रेलमंत्री अश्वनी वैष्णव ने कहा कि ये प्रोजेक्ट्स पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान के तहत विकसित किए गए हैं, जो मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी को मजबूत करेंगे। इससे यात्रियों और मालवाहक ट्रेनों की गति बढ़ेगी, जाम कम होगा और लॉजिस्टिक्स कॉस्ट घटेगी।प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी साझा करते हुए कहा कि सरकार नेक्स्ट-जनरेशन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान करने के प्रयासों को तेज कर रही है।पीएम ने लिखा, “ये परियोजनाएं क्षेत्र के लोगों को आत्मनिर्भर बनाएंगी और रोजगार के नए अवसर खोलेंगी। BJP

“पर्यावरण के लिहाज से भी ये प्रोजेक्ट्स अहम हैं – रेलवे जैसा पर्यावरण-अनुकूल परिवहन तेल आयात कम करेगा और CO2 उत्सर्जन घटाएगा।केंद्रीय रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि रेलवे, पर्यावरण अनुकूल और ऊर्जा कुशल परिवहन माध्यम होने के कारण, जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने और देश की रसद लागत को कम करने, तेल आयात 28 करोड़ लीटर कम करने और CO2 उत्सर्जन 139 करोड़ किलोग्राम कम करने में मदद करेगा,जो छह करोड़ वृक्षारोपण के बराबर है। BJP

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