इलेक्ट्रॉनिक मीडिया देश के लोगों को शिक्षित करने के लिए अपनी आवाज का इस्तेमाल करे-मुख्य न्यायाधीश

Breaking news in hindi: इलेक्ट्रॉनिक मीडिया देश के लोगों को शिक्षित करने के लिए...

अवैस खान की रिपोर्ट भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने शानिवार को रांची में स्थित नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ स्टडी एंड रिसर्च इन लॉ, द्वारा आयोजित “लाइफ ऑफ ए जज” विषय पर बोलते हुए इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, सोशल मीडिया की खिंचाई की। इसी के साथ ही जजों के खिलाफ सोशल मीडिया पर हमलों, बढ़ते मीडिया ट्रायल पर चिंता भी व्यक्त की। भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा कि न्यायाधीशों के खिलाफ सोशल मीडिया में सक्रियता से कैम्पेन चल रहे हैं। न्यायाधीश तुरंत प्रतिक्रिया नहीं दे सकते हैं, इसे कमजोरी या लाचारी समझने की गलती ना करेंBreaking news in hindi, 

 

भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा कि ऐसा लगता है कि कुछ वर्ग अच्छे और बुरे में भेद करने में असमर्थ हैंमीडिया परीक्षण मार्गदर्शक कारक नहीं हो सकता। मीडिया कंगारू कोर्ट चला रहा है एजेंडा संचालित कवरेज लोकतंत्र के लिए हानिकारक, प्रिंट मीडिया की अब भी जवाबदेही है लेकिन इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की जवाबदेही शून्य है सोशल मीडिया का और बुरा हाल है मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा कि मीडिया बिना जांचेपरखे कंगारू कोर्ट चला रहा हैलोकतंत्र को नुकसान पहुंचा रहे है। मुख्य न्यायाधीश ने रांची में एक अकादमिक कार्यक्रम में भाषण देते हुए कहा मामलों को तय करने में मीडिया ट्रायल एक मार्गदर्शक फैक्टर नहीं हो सकते, अपनी जिम्मेदारी से भागकर आप हमारे लोकतंत्र को दो कदम पीछे ले जा रहे हैं कभीकभी अनुभवी न्यायाधीशों को भी मामलों पर फैसला करना मुश्किल हो जाता है। Breaking news in hindi,

 

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मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने मीडिया से सेल्फ रेगुलेशन का आग्रह करते हुए कहा मीडिया के लिए यह सबसे अच्छा है कि वह सेल्फ रेगुलेशन पर ध्यान दे मैं इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया से जिम्मेदारी के साथ काम करने का आग्रह करता हूं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को देश के लोगों को शिक्षित करने और ऊर्जावान बनाने के लिए अपनी आवाज का इस्तेमाल करें। मुख्य न्यायधीश एनवी रमना समारोह में अपने बारे में बताताते हुए कहा कि अंग्रेजी भाषा से उनका परिचय सातवीं क्लास में हुआ था। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा कि वह वकालत के दौर में ही सक्रिय राजनीति में शामिल होना चाहते थे, लेकिन किस्मत ने मेरे लिए कुछ और ही योजना बना रखी थी। मैंने जिस चीज के लिए इतनी कड़ी मेहनत की थी, उसे छोड़ने का फैसला बिल्कुल भी आसान नहीं था। मुख्य न्यायधीश एनवी रमना ने कहा कि बीएससी करने के बाद उनके पिता ने उनको कानून की पढ़ाई करने के लिए प्रोत्साहित किया, उसके बाद विजयवाड़ा में मजिस्ट्रेट कोर्ट में प्रैक्टिस शुरू किया था, फिर आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में प्रैक्टिस करने के लिए हैदराबाद चला गया। उस समय मुझे जज बनने का ऑफर मिला। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में तालुका कोर्ट में प्रैक्टिस कर रहा था, मुझे आंध्र प्रदेश का अतिरिक्त महाधिवक्ता भी नियुक्त किया गया। Breaking news in hindi,

 

मुख्य न्यायधीश एनवी रमना ने कहा कि इ दिनों हम न्यायाधीशों पर शारीरिक हमलों में बढ़ोतरी देख रहे है, बिना किसी सुरक्षा या सुरक्षा के आश्वासन के न्यायाधीशों को उसी समाज में रहना होगा, जिस समाज में उन्होंने लोगों को दोषी ठहराया है। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा कि बार से बेंच तक की यात्रा अक्सर स्वाभाविक नहीं होती है। लंबे संघर्ष के बाद मैंने लोगों के बीच अपना करियर और जीवन बनाया। मुझे पता था कि बार से बेंच में जाने के दौरान सामाजिक संबंधों को छोड़ना पड़ता है। Breaking news in hindi,

 

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