मध्यप्रदेश के धार जिले में महाराष्ट्र रोडवेज पर यात्रियों से भरी हुई एक बस नर्मदा नदी में गिर गयी है जिसमें लगभग 40 की संख्या में यात्री सवार थे। घटना आज सुबह 10 बजे की बताई जा रही है। बस की हालत देखकर किसी भी व्यक्ति के बचने की आशंका न के बराबर है। वहीं रेस्क्यू टीम द्वारा अब तक 13 शवों के निकाले जाने की खबर है। बाकि लोगों की खोज जारी है।
मिली जानकारी के अनुसार खलघाट में टू-लेन पुल पर किसी अन्य वाहन को ओवरटेक करने के चक्कर में बस रेलिंग तोड़ते हुए नदी में जा गिरी। जिसमें बस कंडक्टर, ड्राइवर समेत सभी यात्रियों की मौत हो गयी है। हादसे की जानकारी लगते ही सबसे पहले खलघाट के स्थानीय लोगों ने मदद की। अपने नावों द्वारा शवों को खोजने लगे। बाद में इंदौर और धार से NDRF की टीम मौके पर पहुंच गई है।
हादसे में जान गंवाने वाले 11 लोगों की पहचान हो गई है। तीन लोग राजस्थान, एक इंदौर (मध्यप्रदेश) और बाकी महाराष्ट्र से हैं। शवों को धामनोद (धार, मध्यप्रदेश) के सरकारी अस्पताल में रखा गया है। जबकि अमलनेर के नायब तहसीलदार पंकज कुमार जाट ने मीडिया को बताया कि अभी तक कोई बॉडी क्लेम करने नहीं आया है। हम लगातार खरगोन और धार के अधिकारियों के संपर्क में हैं।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस घटना पर दुःख जताया तथा प्रधानमंत्री द्वारा मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रूपये तथा घायलों को 50 हजार रूपये का मुआवजा देने की घोषणा की। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रूपये मुआवजा देने कि घोषणा की है।
हादसा आगरा मुंबई हाईवे पर हुआ यह रोड मुंबई और इंदौर को जोड़ती है और जिस पूल पर यह हादसा हुआ वो दो जिलों धार और खरगोन को जोड़ती है , इस पूल का आधा हिस्सा धार जिले में तथा आधा हिस्सा खरगोन जिले में पड़ता है, इसलिए हादसे के बाद दोनों जिले के अफसर यहां पहुंचे। बस में इंदौर और राजस्थान के जयपुर, उदयपुर के यात्री भी सवार थे। रेस्क्यू के दौरान नदी से अब तक एक भी व्यक्ति जीवित या घायल नहीं निकाला जा सका है। जबकि बस को बहुत बुरी हालत में निकाला गया है।
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जैसे ही इस घटना की सूचना मिली वैसे ही प्रशासन सक्रीय हो गया। कलेक्टर, एसपी, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें बचाव के लिए तत्काल रवाना की। दुर्घटना के आधा घंटे के अंदर ही कलेक्टर घटना स्थल पर पहुंच गए थे। बस तो निकाल ली, लेकिन कहते हुए मन पीड़ा से भरा हुआ कि हम बस में सवार लोगों को बचा नहीं सके।