Cancer: वैश्विक स्तर पर कैंसर विश्वव्यापी मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है। रिपोर्ट्स के मुताबिक दुनिया भर में हर साल लाखों लोगों की कैंसर से मृत्यु हो जाती है। कैंसर के ज्यादातर मामले फेफड़े, पेट, और स्तन कैंसर के सामने आते हैं। सबसे ज्यादा मामलों में किडनी के कैंसर की रिपोर्ट सामने आ रही है, जो चिन्ता का विषय बना हुआ है।
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बता दें, वैश्विक कैंसर संस्थानों ने अनुमान लगाया है कि किडनी कैंसर के हर साल लगभग 400,000 नए मामले सामने आते हैं, जिसमें लगभग 1.75 लाख से अधिक लोगों की मौत भी हो जाती है। 2020 में करीब 4.30 लाख से अधिक कैंसर के मामले रिपोर्ट किए गए। वैसै तो वृद्ध लोगों को किडनी कैंसर का अधिक खतरा होता है लेकिन अब वयस्क भी इसके शिकार हो सकते हैं। ज्यादातर मामलों में किशोरों में किडनी कैंसर होना दुर्लभ है, लेकिन सिकल सेल रोग के कारण कम उम्र के लोगों में भी इसका खतरा बढ़ सकता है।
चिकित्सकों का कहना है कि किडनी कैंसर के लक्षणों को सभी को जानना चाहिए और इससे बचने के लिए निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए। ऐसा इसलिए भी कि किडनी में कैंसर होने का कारण डॉक्टरों को भी स्पष्ट नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ कोशिकाओं के डीएनए में परिवर्तन (उत्परिवर्तन) होना किडनी कैंसर का कारण बनता है।
दरअसल, जीवनशैली में मौजूद कई खतरनाक बातों को लेकर भी सभी लोगों को हमेशा सतर्क रहना चाहिए। उदाहरण के लिए किडनी कैंसर विकसित होने का जोखिम उम्र बढ़ने के साथ ही बढ़ने लगता है। धूम्रपान करने वाले या मोटापे के शिकार लोगों में भी किडनी कैंसर हो सकता है। ऐसे लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है। इसके अलावा अगर आपके परिवार में पहले से किसी को किडनी का कैंसर होता है तो आपको किडनी कैंसर का खतरा कुछ जोखिमपूर्ण कारकों से बढ़ सकता है।
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अमेरिकन कैंसर इंस्टीट्यूट की एक रिपोर्ट के अनुसार, अनियंत्रित उच्च रक्तचाप से किडनी से जुड़े कई प्रकार का कैंसर का भी खतरा बढ़ जाता है। क्रोनिक किडनी फेलियर के इलाज के लिए लंबे समय तक डायलिसिस करवा रहे लोगों में भी किडनी कैंसर होने का अधिक जोखिम है। जीवनशैली के कई कारक, जैसे धूम्रपान, मोटापा और आहार से संबंधित गड़बड़ियों से आपको किडनी कैंसर होने का अधिक जोखिम हो सकता है। इसे खतरनाक इसलिए भी माना जाता है क्योंकि किडनी कैंसर के शुरुआती चरणों में आमतौर पर कोई लक्षण या संकेत नहीं दिखाई देते। इसके लक्षण हालांकि समय के साथ बढ़ते जाते हैं।
लेकिन अगर आप गौर करें तो किडनी कैंसर के कारण आपके मूत्र खूनी, गुलाबी या कोला रंग का हो सकता है। यदि आपकी पीठ या बगल में दर्द, भूख न लगती है, बिना किसी प्रयास के वजन कम हो जाता है और अक्सर थकान और बुखार हो तो आपको सावधान रहना चाहिए। इन संकेतों पर तुरंत ध्यान देना और इलाज करना महत्वपूर्ण है।
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