चंडीगढ़: अनूठी रामलीला का मंचन होगा, हर किरदार में सिर्फ महिलाएं ही नजर आएंगी

Chandigarh Ramlila:पंजाब के मोहाली जिले के पीर मुछल्ला इलाके में पंचकूला के एक ग्रुप की तरफ से ऑल वुमेन महिला रामलीला का मंचन किया जाएगा। भारत में इसे अपनी तरह की पहली रामलीला माना जा रहा है।पारंपरिक रामलीला के इस अनूठे एडीशन का मकसद रूढ़िवादिता को तोड़ना है। साथ ही उन लोगों को भी चुनौती देना है जो ये मानते हैं कि रामलीला में सिर्फ पुरूष ही परफॉर्म कर सकते हैं।पहले प्ले करवाता आया हूं गर्ल्स को करवाना कोई नई बात नही थी मेरे लिए लेकिन ये टोटल गर्ल्स हैं अलग अलग फील्ड से हैं सब समस्याओ को ओवर कम करके इन बच्चों ने ऐसा कर दिखाया कि आप देखना यहां इस इलाके में पूरा चंडीगढ़ इलाके में 50 रामलीला हो रही है लेक्नि 50 रामलीला में से मुझे विश्वास है की ये रामलीला नंबर वन होगी।

Read also-सचिन तेंदुलकर को पीछे छोड़कर विश्व कप में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज बने कोहली

इस रामलीला का मकसद युवा पीढ़ी और सांस्कृतिक परंपराओं के बीच की खाई को पाटना भी है। इस प्रोडक्शन में शामिल महिला कलाकारों का मानना है कि आज के युवा टेक्नोलॉजी और मीडिया से बहुत जुड़े हुए हैं और सांस्कृतिक विरासत के महत्व को दर्शाना चाहते हैं। सनातन जब बात हो और रामलीला की बात न हो सनातन अधूरा रह जाएगा हमारा मेन मैसेज हम आगे वाले पी़ढ़ी को हम अपने आप को जोड़ पाए क्योंकि वो मोबाइल की दुनिया में इतनी व्यस्त हो गए हैं कि उन्हें अपने माता – पिता के लिए भाई- बहन के लिए समय नही है और थोड़ा सा डिजिटल रामलीला है, बच्चे इससे कनेक्ट कर पाएंगे। पीछे पूरा आपके सीन चल रहा है वो नॉर्मल ऑर्थोडॉक्स रामलीला नही है अगर अशोक वाटिका में सीता जी बैठी हैं तो पीछे अशोक वाटिका दिख रहा है।

इस ऑल वुमेन रामलीला में आठ महीने से लेकर 70 साल तक की अलग-अलग आयु वर्ग की महिलाएं कई भूमिकाएं निभा रही हैं। इस सांस्कृतिक उत्सव में तीन पीढ़ियों को एक साथ परफॉर्म करता देखना खुशी की बात है।पांच-छह रोल मेरा भी है अगस्तमुनि है, अग्नि देव है कभी मंत्री बनी हूं किसी राजा की और सबसे बड़ी बात ये कि मै इसमें डांस कर रही हूं जब राम जन्म लेते हैं।महिलाओं ने बताया कि रामलीला में परफॉर्म करना वास्तव में मुश्किल है क्योंकि उन्हें संवाद याद रखने पड़ते हैं। उनके मुताबिक रामलीला में परफॉर्म करने के लिए 10 दिनों तक रिहर्सल करनी पड़ती है, हालांकि ये उनके अनुभव को बढ़ा रहा है।एक तरह का मेरा इसमें थोड़ा सा नेगेटिव रावण का जिसमें क्रूरता है, घमंड है, गुस्सा है, अभिमानी है वो अपने आप को भगवान कहता है तो उस चीज को उतारना अपने अदंर बहुत मुश्किल काम है क्योंकि मैं टीचर हूं, ड़ांस टीचर हूं तो बच्चो को शिक्षा देती गणेश वंदना सीखाती हूं रिलिजियस ड़ांस सीखाती हूं तो ये अलग है मेरे लिए इस रोल को निभाना बहुत बड़ी बात है डायलॉग बहुत लंबे हैं।इस महिला रामलीला में समाज के सभी वर्गों की महिलाएं परफॉर्म कर रही है और वे समाज में महिला सशक्तीकरण का संदेश दे रही हैं।

(Source PTI )

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *