(प्रदीप कुमार )- हैदराबाद। मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ आयोजित संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी से दिल्ली सरकार के अधिकारों के विरूद्ध लाए आध्यादेश को तुरंत वापस लेने की मांग की और कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के पांच सदस्यी संविधान बेंच के फैसले का आदर करें। सर्वोच्च न्यायालय के पांच सदस्यी संविधान पीठ ने पांच-शून्य से दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला दे दिया है, लेकिन केन्द्र सरकार ने आध्यादेश लाकर इसे निरस्त कर दिया है।CM Arvind Kejriwal
संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने दिल्ली सरकार के अधिकारों को निरस्त करने केन्द्र सरकार द्वारा लाए आध्यादेश पर कड़ी आपत्ति जताते हुए प्रधान मंत्री से कहा कि आप माफी के सौदागर हैं,अपना आध्यादेश वापस ले लें। जिस प्रकार आपने कृषि कानून वापस लिया, उसी प्रकार सवोच्च न्यायालय के आदेश को निरस्त करने के लिए लाए गए आध्यादेश को वापस ले लें।
सीएम केसीआर ने आगे कहा कि यह दिल्ली की जनता का अपमान है। दिल्ली सरकार को काम काज करने दीजिए।यह आपके लिए और देश के लिए अच्छा नहीं है। अन्यथा, हम सभी मिलकर इसके खिलाफ लड़ेंगे। केन्द्र का यह कदम देश के लोकतंत्र के खिलाफ है जिसे भारत जैसे देश में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। कर्नाटक में जनता ने भाजपा को सबक सिखाया है।
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मुख्यमंत्री केसीआर ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार ने मोहल्ला क्लिनिक, स्कूल और बेहतर बिजली सेवा देने जैसे कई शानदार काम किए हैं। दिल्ली की जनता ने लगातार तीसरी बार आम आदमी पार्टी की सरकार को चुना है। इस चुनी हुई सरकार को दिल्ली की जनता का समर्थन प्राप्त है। भाजपा नेता अपने भाषण में अक्सर कहते हैं कि इमर्जेंसी जैसे हालात हैं। अब आप उसी रास्ते पर हैं। अभी स्थिति इमर्जेंसी से भी ज्यादा खराब है। सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्य की बेंच ने पांच शून्य के बहुमत से दिल्ली सरकार के अधिकार बहाल करने के पक्ष में फैसला दिया है, लेकिन न्यायालय के आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है। यह लोकलंत्र को सीधे चैलेंज है। भारत जैसे विशाल देश में इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव को धन्यवाद देते हुए कहा कि फरवरी 2015 में हमारी सरकार बनी, इसी वर्ष मई में नोटिफिकेशन लाकर हमारे अधिकार छीन लिए गए। मुख्यमंत्री के रूप में मैं किसी सचिव या उपसचिव का तबादला नहीं कर सकता हूं। आठ साल की लंबी लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट की सविधान बेंच ने पांच- शून्य से दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला दिया लेकिन केन्द्र सरकार ने आध्यादेश लाकर आदेश को निरस्त कर दिया। यह आध्यादेश दिल्ली के लोगों का अपमान है। दिल्ली के लोगों को चुनौती दे रहे हैं। देश इस तरह नहीं चल सकता है।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि राज्य सभा में कुल 238 सदस्य हैं जबकि राज्य सभा में भाजपा के मात्र 93 सदस्य हैं। अगर संपूर्ण विपक्ष एकजुट होकर इस बिल को राज्य सभा में गिराते हैं तो 2024 के लोक सभा चुनाव के पूर्व यह सेमीफाइनल होगा। इस बिल को राज्य सभा में गिराया जा सकता है। जनता को लगेगा कि मोदी जी को हराया जा सकता है। एक प्रधानमंत्री और 31 राज्यपाल मिलकर इस देश को चला रहे हैं। यह जनतंत्र को बचाने की लड़ाई है। केन्द्र सरकार विधायक खरीदकर राज्य सरकार गिरा देती है, या ईडी और सीबीआई का डर दिखाकर विधायक तोड़ लेते हैं या राज्यपाल द्वारा राज्य सरकार को काम नहीं करने देते हैं। मैं संविधान और जनतंत्र बचाने के लिए समर्थन मांग रहा हूं।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि भारत विश्व का सबसे बड़ा जनतंत्र है। लेकिन केन्द्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश को नहीं मानती है।सीएम भगवत मान ने आरोप लगाया कि केंद्र के राज्यपाल केरल के मुख्यमंत्री, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता दीदी और अन्य सभी गैर भाजपा मुख्यमंत्रियों को परेशान कर रहे है। हम देश को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं।CM Arvind Kejriwal
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