रामचरितमानस को लेकर विवाद लगातार गहराता जा रहा है। समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद के एक बयान ने यूपी में ही नहीं बल्कि पूरे देश में हंगामा मचा दिया। उनके बयान के बाद से आए दिन कोई न कोई उन्माद देखने को मिल रहा है तो इसी पूरे विवाद में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भी पीछे नही रहे हैं उन्हनें कहा कि इस पर वाद-विवाद करना ही गलत है। रामचरितमानस के मूल तत्व को समझना होगा। Ramcharitmanas Controversy,
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘देखिए बात रामायण के बारे में है, राम के बारे में है… राम को आप किसी भी रूप में देख सकते हैं, “मरा-मरा” बोलेंगे तो भी आखिर में “राम-राम” बोल ही लेते हैं… क्या फर्क पड़ता है। आप किसी भी नाम से जपें.’ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने बयान में आगे कहा कि चाहे कोई विरोध में भी बात करे तो भी उसी का (राम) नाम है। उन्होंने कहा कि रामचरितमानस के सकारात्मक पहलू हैं जिन्हें स्वीकार किया जाना चाहिए। भूपेश बघेल ने कहा, ‘वाद-विवाद करना गलत है। जो अच्छी चीजें हैं उसको ग्रहण कर लीजिए। दो-चार चौपाई से ग्रंथ को कोई फर्क नहीं पड़ता है। उसके मूल तत्व को समझना बहुत जरूरी है… हर बात हर एक व्यक्ति के लिए सही नहीं हो सकती।
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ज्ञात हो कि हाल ही में समाजवादी पार्टी के दिग्गद नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने बयान में रामचरितमानस की कुछ चौपाइयों पर सवाल खड़े कर दिए थे। उन्होंने कहा था कि जो धर्म आदिवासी, दलित, पिछड़े और महिलाओं का विरोध करता है, शूद्रों के सत्यानाश की बात करता है, ऐसे धर्म का सत्यानाश हो। इतना हीं नही उन्होने ये भी कहा कि कुछ पंक्तियां (रामचरितमानस में) हैं जिनमें ‘तेली’ और ‘कुम्हार’ जैसी जातियों के नामों का उल्लेख है और इनके कारण लाखों लोगों की भावनाएं होती हैं। मौर्य ने कहा कि रामचरितमानस के आपत्तिजनक अंश पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।
रामचरितमानस पर वार पलटवार
पूर्व मुख्यमंत्री डा रमन सिंह ने अपने बयान कहा था कि रामचरितमानस की प्रत्येक बात प्रत्येक व्यक्ति के लिए सही नहीं है, तो बताइए कि आप मानस की किस बात से इंकार करते हैं? बाबा तुलसीदास द्वारा लिखी गई एक-एक चौपाई, एक-एक शब्द सनातन संस्कृति का महत्वपूर्ण अंश है, जिस पर कोई टीका टिप्पणी बर्दाश्त नहीं की जायेगी। अब तो आंकड़ों से साक्ष्य दिखाई दे रहे हैं कि “कांग्रेस के वरिष्ठ नेता” समेत कितनों ने छत्तीसगढ़ की गाढ़ी कमाई से अपनी तिजोरियां भरी हैं।
तो वहीं पूर्व मुख्यमंत्री डा रमन सिंह के बयान पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पलटवार किया है। सीएम बघेल ने मीडिया से बातचीत में कहा, डा रमन सिंह अपनी टिकट की चिंता करें। विधायकों को तोड़ नहीं पाए तो अब कुछ भी बोल रहे हैं। भाजपा के जो 14 विधायक हैं उन्हें टिकट मिलेगी या नहीं इसकी चिंता करें। पूर्व प्रदेश प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी ने क्या कहा था उसे भी याद रखें। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने एक बयान में कहा था कि छत्तीसगढ़ में भाजपा राज्य में 15 साल और केंद्र में मोदी सरकार के आठ साल के विकास कार्यों की बदौलत चुनाव लड़ेगी, जबकि कांग्रेस के विधायक चुनाव लड़ने से इन्कार कर रहे हैं।