दिल्ली। (रिपोर्ट- कुलदीप शर्मा) दिल्ली में विपक्षी दलों द्वारा केजरीवाल सरकार पर पानी का निजीकरण करने के आरोप लग रहे हैं। जिनको आज मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सिरे से खारिज कर दिया है। इसके साथ ही उन्होंने राजधानी के निवासियों को अब 24 घंटे बिजली के साथ चौबीसों घंटे पानी देने का ऐलान किया है।
आपको बता दें, सीएम केजरीवाल ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए आज दिल्लीवालों को 24 घंटे बिजली और पानी देने का ऐलान किया है। इसके लिए सरकार ने 5 साल का वक्त तय किया है लेकिन इस बीच दिल्ली सरकार पर पानी का निजीकरण करने के आरोप लग रहे हैं। कोरोना काल के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्लीवालों के लिए ये बड़ी खुशखबरी दी है।
मगर बड़ा सवाल ये है कि गर्मी में पानी की बूंद बूंद के लिए तरसने वाली दिल्ली को 24 घंटे पानी कैसे मिलेगा। इस सवाल का जवाब खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिया है कि सरकार के मुताबिक इस वक्त दिल्ली में जितना भी पानी उपलब्ध है उससे हर दिल्लीवाली को रोजाना 176 लीटर पानी मिल सकता है। लेकिन फिलहाल ऐसा नहीं हो रहा है। वजह है सरकार का वॉटर मैनेजमेंट। दिल्ली सरकार ने अपने वॉटर मैनेजमेंट में लीकेज, चोरी और पानी वितरण की असमानता ओं को दूर करने का फैसला किया है। दिल्ली में वाटर सप्लाई को बेहतर बनाने के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। इन सब कामों के लिए दिल्ली सरकार ने एक कंसलटेंट यानी विशेषक को नियुक्त करने का फैसला किया है जो सरकार को ये बताएगा कि 24 घंटे पानी की सप्लाई दिल्ली में कैसे की जाएगी।
सरकार के इस प्लान पर बीजेपी और कांग्रेस दोनों सवाल खड़े कर रही है और इसकी आड़ में दिल्ली सरकार पर पानी का निजीकरण करने का आरोप लगा रही है। केजरीवाल ने विपक्ष के इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया और साफ कहा कि उनकी सरकार पानी का निजीकरण नहीं करेगी।
विपक्ष के अलावा जल बोर्ड के कुछ कर्मचारी संगठन भी सरकार पर जल बोर्ड के निजीकरण करने का आरोप लगा रहे हैं। सरकार के लिए 24 घंटे पानी की आपूर्ति करना वैसे भी आसान नहीं होगा और सरकार के इस मुश्किल काम को विरोध ने और मुश्किल बना दिया है।