दिल्ली में छठ पर सियासत गर्म है। पिछली बैठक में डीडीएमए ने कोरोना प्रोटोकाॅल का हवाला देकर छठ पूजा के सार्वजनिक आयोजन पर प्रतिबंध लगाने का आदेष जारी किया था। जिसके बाद दिल्ली में छठ पर सियासत पारा गर्म हो गया। मौके की नजाकत और आम लोगों की भावनाओं को देखते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अब उपराज्यपाल को चिट्ठी लिखकर छठ के सार्वजनिक आयोजन को मंजूर करने की मांग की है। अपने पत्र में केजरीवाल ने लिखा है कि दिल्ली के लोग हर साल आस्था के साथ छठ पूजा मनाते हैं। यह त्योहार वैदिक आर्य संस्कृति का अहम हिस्सा है। छठ पूजा पर सूर्य देव और छठी मैया की पूजा करने से व्यक्ति को स्वास्थ्य समृ़िद्ध आदि सुखों का लाभ होता है।
पिछले तीन महीने मे कोरोना नियंत्रण में हैं। लिहाजा कोरोना प्रोटोकाॅल का ध्यान रखते हुए छठ पूजा मनाने की अनुमति दे दी जानी चाहिए।
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अपने पत्र में केजरीवाल ने ये भी लिखा है कि उत्तर प्रदेष, हरियाणा और राजस्थान जैसे राज्यों में भी नागरिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर छठ पूजा के आयोजन को मंजूरी दी गई है। इसलिए दिल्ली में भी डीडीएमए की बैठक बुलाकर छठ पूजा समारोह के आयोजन की अुनमति प्रदान करें। मुख्यमंत्री की चिट्ठी के बाद दिल्ली में छठ पूजा के आयोजन का रास्ता साफ होने की उम्मीद है।
मुख्यमंत्री की चिट्ठी पर विपक्ष की राजनीति पर भी गोपाल राय ने निषाना साधा। गोपाल राय ने कहा कि बीजेपी को पूर्वांचलियों से कभी सरोकार नहीं रहा। वो निगम चुनाव के लिए इसे राजनीति रंग देना चाह रही थी।
छठ पूजा का आयोजन नवंबर के दूसरे हफ्ते में होना है। पर जिस तरह से राजनीतिक सरगर्मी बढी और फिर मुख्यमंत्री की चिटठी के बाद जल्द ही इसके आयोजन की इजाजत मिलने की उम्मीद बढ गई है।