(अंशिका राणा)- ALLAHABAD HIGH HOURT STATEMENT- बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट में आदिपुरूष पर बैन करने की याचिकाओं पर सुनवाई में कोर्ट ने फिल्म मेकर्स को धार्मिक ग्रंथों से दूर रहने और उन पर फिल्म न बनाने का आग्रह किया।
न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान और श्रीप्रकाश सिंह ने सुनवाई करते हुए कहा कि आप लोगों को कुरान और बाइबल को भी नहीं छूना चाहिए। मैं यह क्लियर कर दूं कि किसी एक धर्म को मत छुओ। आप लोग किसी भी धर्म के बारे में गलत तरह से मत दिखाइए। कोर्ट का कोई धर्म नहीं है। उन्होंने आगे यह भी कहा कि फिल्म निर्माता केवल में पैसा कमाना चाहते है।
एक छोटी डॉक्यूमेंट्री कुरान पर बनाकर देखो
न्यायमूर्ति चौहान ने ये भी कहा कि कुरान पर गलतियों को दर्शाने वाली एक छोटी डॉक्यूमेंट्री भी बड़े पैमाने पर हलचल पैदा करेगी। मौखिक रूप से टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने कहा कि यदि आप कुरान पर गलत चीज़ों को दर्शाने वाली एक छोटी डॉक्सूमेंट्री भी बनाते हैं, तो आप देखेंगे कि क्या हो सकता है। कोर्ट ने कहा कि फिल्म निर्माताओं को कोर्ट में पेश होना होगा, यह कोई मज़ाक नहीं है।
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रामायण पात्रों की पूजा होती है
कोर्ट ने कहा कि रामायण के पात्रों की पूजा होती है और उन्हें फिल्म में कैसे दिखाया किया गया है। बेंच के एक जज ने कहा कि कई लोगों ने उनसे कहा कि वे इस फिल्म को देख कर बहुत दुखी हुए। कुछ लोग ऐसे भी है जो भगवान राम, लक्ष्मण, सीता और हनुमान जी की पूजा करते हैं वे इस फिल्म को नहीं देख सकते।