( प्रदीप कुमार ), दिल्ली- सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को चुनावी बॉन्ड ( इलेक्टोरल बॉन्ड ) को रद्द करने का बड़ा निर्णय सुनाया है। सियासी गलियारों में इसे केंद्र सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। वहीं बीजेपी और केंद्र सरकार के राजनीतिक विरोधियों ने सर्वोच्च न्यायालय के इस महत्वपूर्ण फैसले का स्वागत करते हुए बीजेपी और केंद्र सरकार पर हमला बोला है।
सुप्रीम कोर्ट का चुनावी बॉन्ड को रद्द करने का फैसला केंद्र सरकार को बड़ा झटका माना जा रहा है।मोदी सरकार ने स्कीम को पारदर्शी बताया था जबकि विपक्षी पार्टिया इसको शुरुआत ही से भ्रष्टाचार का नया जरिया और घोटाला कहती रही है। लिहाजा सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद चुनावी बांड को लेकर एक बार फिर राजनीतिक घमासान छिड़ गया है कांग्रेस की ओर से सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए केंद्र सरकार पर हमला बोला गया।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार की बहुप्रचारित चुनावी बांड योजना को संसद द्वारा पारित कानूनों के साथ-साथ भारत के संविधान दोनों का उल्लंघन माना है।लंबे समय से प्रतीक्षित फैसला बेहद स्वागत योग्य है और यह नोटों पर वोट की शक्ति को मजबूत करेगा। मोदी सरकार चंदादाताओं को विशेषाधिकार देते हुए अन्नदाताओं पर किसी भी तरह का अत्याचार कर रही है।
Read AlsO: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED का समन मिलने के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने INDIA गठबंधन को दिया झटका !
जयराम रमेश ने आगे कहा कि हमें यह भी उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट इस बात पर ध्यान देगा कि चुनाव आयोग लगातार वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) के मुद्दे पर राजनीतिक दलों से मिलने से भी इनकार कर रहा है। यदि मतदान प्रक्रिया में सब कुछ पारदर्शी है तो फिर इतनी जिद क्यों?
चुनावी बांड पर आए सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने भी केंद्र सरकार पर कई आरोप लगाए। उन्होंने सवाल उठाया कि कि BJP को ‘इलेक्टोरल बॉन्ड’ में जो 5200 करोड़ रुपए मिले हैं, उसके बदले BJP ने क्या बेचा है? खेड़ा ने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत करती है और मांग करती है कि- SBI तमाम जानकारी को सार्वजनिक पटल पर रखे, जिससे जनता को मालूम पड़े कि किसने कितना पैसा दिया। यह स्कीम मोदी सरकार ‘मनी बिल’ के तौर पर लाई थी, ताकि राज्यसभा में इसपर चर्चा न हो, यह सीधा पारित हो जाए। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर केंद्र सरकार के अध्यादेश लाने की आशंका भी जताई है।
चुनावी बॉन्ड पर आए इस सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर अन्य विपक्ष नेताओं ने भी केंद्र सरकार को घेरते हुए आरोप लगाए हैं। बहरहाल चुनावी बॉन्ड पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर राजनीतिक विरोधियों को केंद्र सरकार पर हमलावर होने का बड़ा मौका मिल गया है।