Jammu Kashmir: 2024 के लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे करीब आ रहे हैं, लोग अपनी तमाम मांगों को सामने रख रहे हैं। इनमें पानी की कमी से लेकर महंगाई और बढ़ती बेरोजगारी जैसे अहम मुद्दे शामिल हैं जो उनकी जिंदगी पर खास असर डाल रहे हैं। हालांकि जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले के लोगों की एक खास मांग और है। वे चाहते हैं कि केंद्रशासित प्रदेश का राज्य का दर्जा जल्द बहाल हो और इसके लिए विधानसभा चुनाव जल्द कराए जाएं।
कुछ अधिकारी लगा रहे हैं विकास पर रोक
दरअसल, बारामूला के लोग इलाके में चल रहे विकास के कामों से खुश हैं और वो इसका सेहरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सिर बांधते हैं। हालांकि उनका आरोप है कि कुछ अधिकारियों ने विकास की इस रफ्तार पर ब्रेक लगाने की कोशिश की। कई लोग महंगाई का मुद्दा उठा रहे हैं तो वहीं व्यापारी जरूरी सामानों की कीमतें बढ़ने से बिक्री कम होने की शिकायत कर रहे हैं।
लोगों को उम्मीद है कि लोकसभा चुनाव के बाद जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव होंगे और लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार इलाके का पूरी तरह विकास करने के लिए बड़े कदम उठाएगी।
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ना-काबिल-ए-बर्दाश्त है बेरोजगारी
जम्मू कश्मीर बारामूला के निवासी का कहना है कि इंसान वहीं देखता है, जो उसे दिखाया गया है। जो लोगों का टाउन है उस हिसाब से देखा जा रहा है। इस वक्त के नौजवान चाहते हैं कि इलेक्शन हो, जो भी हुकूमत आए हम उसको सपोर्ट करें। भरपूर ताकत से हम उनके साथ रहें क्योंकि लोगों की यहीं मांग है कि उनकी जरुरत पूरी हो। आप लोग देख रहे हैं कि बेरोजगारी कितनी है, कितने हाई एजुकेटेड स्टूडेंट मार्केट में ऐसे ही घूम रहे हैं। ऐसे काम कर रहे हैं जो उनके ना-काबिल-ए-बर्दाश्त है।
वहां के एक दूसरे निवासी ने कहा कि यहां पर अपना माय-बाप ही नहीं है। अपना पार्लियामेंट्री मेंबर होता, एमएलए होता तो लोगों को इतनी परेशानी नहीं होती।
मोदी सरकार कर रही है बेहतर काम
वहां के एक निवासी शेख जमशेद ने कहा कि कितने गवर्नमेंट कॉलेज, मेडिकल कॉलेज या आईआईटी जम्मू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने खुद आ करके उसका इनोग्रेशन किया। उन्होंने कहा कि आप लोग रेलवे देखिए, चंद कुछ महीने में ही कुपवाड़ा में कोई आदमी जम्मू में चढ़ेगा फिर कन्याकुमारी में उतरेगा, इस सब का मतलब डेवलपमेंट ही है।
जम्मू कश्मीर के निवासियों ने सुनाई अपनी आपबीती
पूर्व सरकारी कर्मचारी अहमद खान ने कहा कि ग्रासरूट डेवलप हो गया। मैं ये कहूंगा मोदी सरकार ने बहुत काम किया है यहां। जिन लोगों को पता भी नहीं था उन्हें भी नजर आ गया काम, इसलिए हम चाहते हैं कि और डेवलपमेंट हो। लेकिन कुछ अफसर इसमें रुकावटें बने हुए हैं। वहां के एक व्यापारी शौकत ने कहा कि दो-तीन तारीख तक यहां पर थोड़ा चहल-पहल लोगों का होता है। तनख्वाह लेते हैं फिर खूब शॉपिंग करते हैं। उसके बाद 30 तारीख तक मार्केट की डाउन होती है। इतनी बेरोजगारी है कि हमें खुद पता नहीं चलता कि इन व्यापारियों का क्या करेंगे।