कांग्रेस पार्टी में नए अध्यक्ष को चुनने की डिजिटल कवायद के बीच पार्टी की आंतरिक कलह भी गहराने लगी

उदयपुर में होने वाले चिंतन शिविर के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर चर्चा और अहम फैसले लिए जाने की भी संभावना है। Total tv, Latest news,

नई दिल्‍ली: (प्रदीप कुमार की रिपोर्ट)- कांग्रेस पार्टी में नए अध्यक्ष को चुनने की डिजिटल कवायद के बीच पार्टी की आंतरिक कलह भी गहराने लगी है। राहुल गांधी की अध्यक्ष पद पर वापसी तय मानी जा रही हैं लेकिन वरिष्ठ पार्टी नेताओं कपिल सिब्बल और गुलाम नबी आजाद की बयान बाजी पार्टी का संकट बढ़ाती दिख रही है।

 

आजाद और सिब्बल की बयानबाजी से पार्टी में दूसरे धड़े ने भी अपनी नाराजगी सार्वजनिक करनी शुरू कर दी है। इस कड़ी में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने इन नेताओं पर बड़ा हमला बोला है।

 

लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठाने वाले नेताओं पर सख़्त नाराज़गी जताई और कहा कि ऐसे नेताओं को पार्टी छोड़ देनी चाहिए।

 

चौधरी ने कहा, कि नाराज़गी तो ज़रूर जतानी पड़ेगी, क्या करें हमलोग, क्या बैठेबैठे इन नेताओं का ज्ञान सुनें? हम बंगाल में मैदान में उतरे हुए हैं, हमारे कार्यकर्ता पूछते हैं कि हम तो यहाँ लड़ रहे हैं, मगर ऊपर के जिन नेताओं को कांग्रेस की मेहरबानी से नुमाइंदगी का मौक़ा मिला, अगर वो लोग कांग्रेस में रहते हुए हमारे नेता के ख़िलाफ़ या पार्टी के ख़िलाफ़ या राहुल जी के ख़िलाफ़ या आलाकमान के ख़िलाफ़ अगर इस तरीक़े से विरोध करते रहे तो हम लोगों को क्या कहेंगे?”

 

अधीर रंजन चौधरी ने कहा मैं उनलोगों को ये सलाह दूँगा कि ज्ञान देना बंद करिए, या तो कुछ करके दिखाइए, या चुप रहिए.”

 

अधीर रंजन चौधरी ने दो टूक कहा कि पार्टी पर सवाल उठाने वाले नेताओं को पार्टी से अलग हो जाना चाहिए।

 

चौधरी ने कहा कि हर बात में कांग्रेस की आलोचना करना ही अगर इनकी आदत बनती जा रही है, अगर उन्हें लगता है कि यही सियासत है तो मतलब उन्हें कांग्रेस अच्छी नहीं लग रही, अगर ऐसा है तो ये लोग अलग से पार्टी बना सकते हैं।

 

अधीर रंजन चौधरी के अलावा कांग्रेस कार्य समिति के विशेष आमंत्रित सदस्य कुलदीप बिश्नोई ने भी आज़ाद पर बड़ा आरोप लगाया। बिश्नोई ने कहा कि राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष विरोधी दलों के साथ मिलकर कांग्रेस को तोड़ने की साजिश कर रहे हैं उन्होंने आजाद पर गांधी परिवार के साथ ‘गद्दारी करनेका भी आरोप लगाया और कहा कि कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता उनके इस ‘षड्यंत्रसफल नहीं होने देंगे।

 

इसके अलावा मल्लिकार्जुन खड़गे, सलमान खुर्शीद और दूसरे नेता भी पार्टी नेतृत्व के खिलाफ खुलेआम बयानबाजी को लेकर सिब्बल और आजाद के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं।

 

इससे पहले पार्टी नेता कपिल सिब्बल ने पार्टी नेतृत्व पर बयान देते हुए कहा कि हारना कांग्रेस की नियति बन गई है। बिहार में एक और हार हुई है लेकिन पार्टी को इस पर कोई फर्क ही नहीं पड़ता।

 

इसके बाद ताजा बयान गुलाम नबी आजाद की ओर से आया जिसमें आजाद ने पार्टी को आईना दिखाते हुए कई बड़ी बातें कहीं।

 

आजाद ने कहा कि चुनाव पांच सितारा संस्कृति से नहीं जीते जाते हैं। आज के नेताओं के साथ सबसे बड़ी समस्या यह है कि अगर उन्हें पार्टी का टिकट मिलता है, तो वे पहले पांच सितारा होटल बुक कराते हैं। यदि कोई उबड़खाबड़ सड़क है तो वे उस पर नहीं जाएंगे। आज़ाद ने कहा कि अब पांच सितारा संस्कृति को छोड़ने का वक्त आ गया है। आज़ाद ने कहा कि कि कांग्रेस पार्टी 72 सालों में सबसे निचले पायदान पर है।

 

जाहिर है एक तरफ कांग्रेस पार्टी में नए अध्यक्ष को चुने जाने की कवायद चल रही है और राहुल गांधी की इस पद पर वापसी तय मानी जा रही है तो वही चिट्ठी विवाद से सुर्खियों में आए गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल का पार्टी नेतृत्व पर हमला भी बढ़ता जा रहा है, ऐसे में अब पार्टी के अंदर दूसरे धड़े के नेताओं ने भी इन नेताओं के खिलाफ तीखी बयानबाजी शुरू कर दी है। साफ है कि पार्टी का अंदरूनी घमासान आने वाले दिनों में और जोर पकड़ेगा।

 

 

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