मार्च 2026 तक देश को नक्सलवाद से मुक्त करने के मिशन की रीढ़ CRPF है- अमित शाह

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Amit Shah: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने गुरुवार को कहा कि भारत में सिर्फ चार जिलों तक सीमित नक्सलवाद को अगले साल 31 मार्च तक खत्म कर दिया जाएगा और सीआरपीएफ इस मिशन की रीढ़ है। वह मध्यप्रदेश के नीमच जिले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 86वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा ने कि नक्सलवाद भारत में सिर्फ चार जिलों तक सीमित रह गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि 31 मार्च 2026 तक देश से यह समस्या खत्म हो जाएगी। सीएपीएफ (केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल) और सीआरपीएफ, खासकर इसकी कोबरा बटालियन देश से नक्सलवाद को खत्म करने में अहम भूमिका निभा रही है।‘कमांडो बटालियन फॉर रेसोल्यूट एक्शन’ (कोबरा) सीआरपीएफ की एक विशेष इकाई है, जो गुरिल्ला और जंगल युद्ध में खासकर नक्सली खतरे से निपटने में अपनी दक्षता के लिए जानी जाती है।

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शाह ने कहा कि सीआरपीएफ ने नक्सल (प्रभावित) क्षेत्रों में 400 से अधिक अग्रिम संचालन बेस स्थापित किए हैं। इसकी वजह से इन क्षेत्रों में हिंसा में 70 प्रतिशत से अधिक की कमी आई है और अब हम इसे समाप्त करने के करीब हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा में सीआरपीएफ का योगदान अद्वितीय है, चाहे वह कश्मीर घाटी में आतंकवादियों से लड़ना हो, पूर्वोत्तर में शांति सुनिश्चित करना हो या आज कट्टर नक्सलियों को सिर्फ चार जिलों तक सीमित करना हो। इन सभी उपलब्धियों में सीआरपीएफ के जवानों ने अहम भूमिका निभाई है। कोई भी किताब उनकी बहादुरी, कर्तव्य की भावना और साहस का वर्णन नहीं कर सकती.सीआरपीएफ की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक, नक्सलवाद को खत्म करने में इसका बड़ा योगदान है।

उन्होंने कहा कि आज, सबसे खूंखार नक्सली भी कोबरा कमांडो के आने की खबर सुनकर कांप उठते हैं। कोबरा बटालियन वीरता का प्रतीक बन गई है। मैं 86वें (स्थापना दिवस) परेड पर सभी कोबरा जवानों को बधाई देता हूं और उनके साहस के लिए उनका आभार व्यक्त करता हूं। इसलिए, जब भी देश में कहीं भी अशांति होती है और गृह मंत्री के रूप में मुझे पता चलता है कि सीआरपीएफ के जवान वहां तैनात हैं, तो मैं बिना किसी चिंता के अपने अन्य कार्य पर ध्यान केंद्रित कर सकता हूं क्योंकि मुझे विश्वास है कि अगर सीआरपीएफ मौजूद है, तो जीत सुनिश्चित है।उन्होंने कहा कि जब भारत की आजादी का स्वर्णिम इतिहास लिखा जाएगा, तो “हमारे अमर शहीदों के बलिदान की गाथा स्वर्ण अक्षरों में लिखी जाएगी। मुझे इस बात का पूरा विश्वास है।

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इस कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव भी शामिल हुए। 27 जुलाई 1939 को नीमच में ही ब्रिटिश शासन के दौरान ‘क्राउन रिप्रेजेंटेटिव पुलिस’ की स्थापना की गई थी, जिसका नाम 28 दिसंबर 1949 को तब के गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने बदलकर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल कर दिया था।सीआरपीएफ ने रियासतों के एकीकरण से लेकर आंतरिक सुरक्षा, उग्रवाद-आतंकवाद विरोधी अभियानों, अंतरराष्ट्रीय शांति स्थापना, वीआईपी सुरक्षा और आपदा प्रबंधन जैसे कई मोर्चों पर सशक्त भूमिका निभाई है।

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