Cyclone Michong: किसी भी वक्त आंध्र प्रदेश में बापटला के तट से टकरा सकता है चक्रवात मिचौंग

सुनंदा निदेशक चक्रवात चेतावनी केंद्र :विशाखापत्तनम अभी चक्रवाती तूफान मिचौंग पश्चिमी बंगाल की खाड़ी में दक्षिण-पूर्व दिशा से 20 किलोमीटर दूर है। बापटला, दक्षिण-पश्चिम दिशा में 15 किलोमीटर दूर है। आने वाले दो घंटों में ये उत्तर दिशा में आगे बढ़ेगा और एक भयंकर चक्रवाती तूफान के रूप में बापटला के पास से गुजरेगा।”

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विशाखापत्तनम चक्रवात चेतावनी केंद्र ने मंगलवार को कहा कि मिचौंग उत्तर की ओर आगे बढ़ेगा और गंभीर चक्रवाती तूफान के रूप में बापटला के पास से गुजरेगा।चक्रवात चेतावनी केंद्र की निदेशक सुनंदा ने कहा कि चक्रवाती तूफान ‘मिचौंग’ अभी पश्चिमी बंगाल की खाड़ी में दक्षिण-पूर्व दिशा से 20 किलोमीटर दूर है। बापटला से दक्षिण-पश्चिम दिशा में 15 किलोमीटर दूर है। आने वाले दो घंटों में ये उत्तर की ओर आगे बढ़ेगा और गंभीर चक्रवाती तूफान के रूप में बापटला के पास से गुजरेगा।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने बताया चक्रवात मिचौंग के दौरान 2015 से ज्यादा बारिश हुई। जबकि 2015 की बाढ़ चेम्बरमबक्कम झील से पानी छोड़े जाने के कारण आई थी। वर्तमान में प्राकृतिक बाढ़ की हालत है। पिछली बाढ़ की तुलना में नुकसान कम है।चेन्नई सहित नौ जिले जो मूसलाधार बारिश से प्रभावित थे, कुल 61,666 राहत शिविर बनाए गए, जिनमें अब तक लगभग 11 लाख भोजन पैकेट और एक लाख दूध के पैकेट वितरित किए गए हैं।”
2015 की बाढ़ में चेम्बरमबक्कम झील से अड्यार नदी में एक लाख क्यूसेक पानी बिना किसी योजना के छोड़ा गया था, जिसके वजह से मानव निर्मित बाढ़ आई। अब शहर में जो देखा गया वो प्राकृतिक बाढ़ थी जिसे राज्य की तरफ से कुशलता से नियंत्रित किया गया था। इस बार की बारिश के दौरान शहर के बाहरी इलाके चेम्बरमबक्कम झील से योजनाबद्ध तरीके से अधिकतम 8000 क्यूसेक पानी ही अड्यार और कूम नदियों में छोड़ा गया।”

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने मंगलवार को कहा कि चक्रवात मिचौंग से हुआ नुकसान 2015 में आई बाढ़ के मुकाबले कम है। स्टालिन ने कहा कि मूसलाधार बारिश से प्रभावित चेन्नई सहित नौ जिलों में कुल 61,666 राहत शिविर बनाए गए हैं, जिनमें अब तक लगभग 11 लाख खाने के पैकेट और एक लाख दूध के पैकेट बांटे गए हैं।स्टालिन ने कहा कि मिचौंग की वजह से अब तक सात लोगों की जान चली गई है, जिसमें चेंगलपट्टू जिले में दीवार गिरने से हुई मौतें भी शामिल हैं।उन्होंने कहा कि 2015 की बाढ़ में चेम्बरमबक्कम झील से अड्यार नदी में एक लाख क्यूसेक पानी बिना किसी योजना के छोड़ा गया था, जिसकी वजह से बाढ़ आई।मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा कि इस बार की बारिश के दौरान शहर के बाहरी इलाके चेम्बरमबक्कम झील से योजनाबद्ध तरीके से अधिकतम 8000 क्यूसेक पानी ही अड्यार और कूम नदियों में छोड़ा गया।

( Source PTI )

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